डॉ सुरेश खैरनार

चार उच्चवर्ण के लडके आकर माबाप के सामने एक दलित परिवार की 19 साल की बच्ची को उठाकर ले जाते हैं और सिर्फ बलत्कार ही नही करते! उसकी जीभ काट कर उसकी रिढकी हड्डियां तोडकर लडकी केऊपर अत्याचार करते हैं ! माबाप पुलिसके पास मामला दर्ज करने के लिए जाते हैं और पुलिस उनकी बात अनदेखी कर के उन्हे थाने से भगा दिया और अभि अभि मै एन टी वी चैनल पर वही पुलिस कल रात अचानक इस बच्ची के शव को मा बाप को सौपने के बजाय उन्हें अपनेहि घर में बंद करके बच्ची के शवको जलानेका दृष्य देखकर मै हैरान हूँ यह पुलिस है या हैवान? कौनसे अधिकार में वह यह सब कुछ कर रहे थे ?

वैसेही ऊत्तर प्रदेश पुलिस मलियाना से लेकर,सहारनपुर,उन्नाव,श्यामली,अलिगढ और ऊत्तर प्रदेश मे जितने भी मजदूर,किसान,दलित तथा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लेकर किस ढंग का व्यवहार किया है यह जग जाहिर है लेकिन दिल्ली और लखनऊ में बैठे हुए आकाओ के कानोपर जू नहीं रेनग्ती है यही लोग चुनावी सभाओमे गरीब,मजदूर,दलित हो या आदिवासी के नाम पर छाती पिट-पीटकर वोट मांगने के लिए भी माहिर हैं ! लेकिन गुजरात दंगों के गुनहगारों के हाथों में सत्ता देनेका खमियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि इन सबके शरीरोमे दिल नामक अवयव शायद नहीं है क्योंकि 59 अधजले शवोकी जुलूस निकाल कर अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए संपुर्ण देश को सांप्रदाईकताकी आग में झोंक कर देश पर राज करने के विकृत मानसिकता वाले और क्या कर सकते ?

देशके तमाम धन्ना शेटो के लिए पूरे संसाधन अलग अलग कानून बनाने या बिगाड़ कर संपुर्ण देश बेचने के लिए निकले हैं ! उसमे गरीब,अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को बार-बार मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दोमे उलझाकर गत छ साल से भी अधिक समय से लगातार अपनी अर्थिक,सामाजिक दिवालियापन के कारण आज मनीषा जैसी बच्ची के साथ जो कुछ हुआ है मै खुद एक तथकथित उच्च जाति का परिवार का होनेके नाते कल रातभर सो नहीं सका और आज सुबह उठकर यह पोस्ट लिख रहा हूँ ! व्यक्तिगत रूप से मुझे जो पीड़ा हो रही है मै बया नहीं कर सकता !
खैरलांजि के घटना के बाद तीन तीन बार मै खैरलांजि गया था लेकिन जो सवर्ण मानसिकता को मैने परिचय पाया आज फिर मनीषा के कारण वह पुरा मंजर मेरे सामने आ रहा है !
अभि दो दिन पहले प्रधान-मंत्री महोदय युनो को सम्बोधन में मानवाधिकार,न्याय,शांती और बहुत कुछ बोल रहे थे ! उन्हे कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री काल में उन्होने क्या किया है और प्रधान-मंत्री बननेके बाद उणा उनके अपने गृह राज्य और अब गत 6साल से ऊत्तर प्रदेश मे जबसे आदीत्य नाथ मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद ही सहरानपूर मे ठाकुरोने दलितोके साथ और मुख्यतः महिलाओ के साथ क्या अत्याचारकिये और उस्मेभी पुलिस प्रशासन की भूमिका और उसके बाद दर्जनो मामले हुये हैं !
उस्मेका सबसे चर्चित उन्नाव रेप कांड वह गुनहगारों मे बिजेपिका विधायक शामिल था और वहा भी पुलिसने पीडितके परिवार के लोगों पर कारवाई की है और आज मनीषाके मामले में इतना अमानवीय कृत्य जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाय कम है !


मेरी तो मांग है कि सबसे पहले आदीत्य नाथ को अविलंब मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहा हूँ और उसके बाद इस घटना की जाँच आदित्य नाथ की तथाकथित एस आई टी की जगह एस आर दारापुरी जैसे रिबोरो साहब सुरेश खोपडे जैसे जांबाज अफसरो के द्वारा की जानी चाहिये क्योकिं आदीत्य नाथ की कार्य प्रणाली से अबतक पता चल चुका है कि वह बहुत ही भेदभाव पूर्ण व्यवहार के कारण उनके द्वारा की जाने वाली किसी भी जाच या कृती का कोई मतलब नहीं है ! एक स्वतंत्र आयोग द्वारा ऊत्तरप्रदेशकी सभी घटनाओकी जाँच होनी चाहिए लेकिन सर्व प्रथम मनीषा की घटना की जाँच करने के बाद अन्य घटनाओकीभी जाँच करने की मांग कर रहा हूँ !

हमारे देश के सवेदनशीलता को महारोग हो गया है और सबसे ज्यादा तथाकथित मेनस्ट्रीम मिडिया को गत दो महिनोसे सिनेमा वालों को लेकर 24 घंटे छाये रहे ! और तथाकथित दलित मंत्री महोदय दिल्ली से विषेश रूप से उस सिनेमा वालिकी खबर जानने के लिए उसके घर पहुँच गए थे ! और बगलके ऊत्तरप्रदेश मे 2014 के बाद आज तक कितनी महिलाये अत्याचार की शिकार हुई लेकिन मुझे तो कोई खबर नहीं है कि यह महाशय वहा पर गये थे ? आदीत्यनाथ सत्ता में आनेके तुरंत बाद ही सरहानपुर मे बाबा साहब आंम्बेडकरजी के प्रतिमा स्थापित करने को लेकर कितना दंगा फसाद हुआ ! फिर सेंगर कांड,इस बीच और भी कई उदहारण है और सबसे हैरानी की बात ऊत्तर प्रदेश की सरकार ऐसी घटनाओं के बाद कोई खोज खबर लेने के लिए जाना चाहते हैं तो उनको उस जगह तक पहुचने नहीं देते और किसिने कोशिश की तो उन्हे गिरफ्तार करके जेल भेजा जाता है और अपराधी आजाद घुमते फिरते है और सबूत मिटानेके काम करते है सेंगर की घटना उसकी मिसाल है!


आज 19 सालकी मनीषा की मृत्यू और मृत्यसे पहले जीभ काट दी गई रीढ की हड्डी तोडी गई यह निर्भयाके बाद के न्यायमुर्ति वर्मा द्वारा किये गये सुधारोका परिणाम है ना रहेगा बांस तो ना बजेगी वाली कहावत चरितार्थ करने का सिलसिला शुरू हो गया है ! जब पीडिता ही नहीं रहेगी तो केस आगे बढ़ने का कोई तुक नही दिखता है और इसीलिये पीडित महिला या बच्ची को जानसेही मारने का नया चलन शुरू हुआ है !

लेकिन हमारे चानल वालोकी संवेदनाये मर गई है और शायद उन चानलो को देखने वाले दर्शक वर्ग की भी ! सरकार से संवेदना की अपेक्षा करना बेकार है जिसकी संवेदना मर गई है वही लोग सत्ता के खेल में शामिल होते हैं और जितनी संवेदना हीनता की भावना प्रदर्शन कर सकता है वही सिकंदर बनता जा रहा है और आज दिल्ली से लेकर लखनऊ तक यह आलम और बढता जा रहा है !

लॉक डाऊन के नामपर जिस गैर जिम्मेदार तरीकेसे घोषणा कर दी और दहाडी मजदूरों के जो हाल 40-45 डिग्री सेल्सियस गर्मिमे नंगे पांव वह भी लहुलुहाँन हजारोकी संख्यामे हजारो किलो मीटर की दूरी पैदल अपना सामान उठाकर ! और सरकार बोल रही है हमारे पास डाटा नही है !


भारत की आजादी के बाद सबसे ज्यादा डाटा डाटा प्रधान-मंत्री पदपर बैठने वाले के मुहसे इतने इतने तकनिकी शब्दो को सुनते आरहे है और अब तो फायबर ऑप्टिक और क्या क्या लगातार बोले जा रहे हैं ! लेकिन किसिभि चीज का डाटा नही बोलकर संसदमे हाथ ऊपर कर दिया ! वही नोट बन्दी के बाद कितने लोग मारे गए लोगों के आकड़े बताने को तैयार नहीं है ?

वही बात बेरोजगार,विस्थापक,नोटबंदी के बाद कितने लोगों के छोटे छोटे उद्यम बंद हो गये हैं यह भी बताने के लिए तैयार नहीं है ! पी एम रिलीफ फंड को तो सूचना के अधिकार और ऑडिट से परे कर लिया और हमारी सरकार ट्रांसपरसी पर चल रही है  !

लाल किले से चिल्ला-चिल्ला कर घोषणा करते हैं कि हमने यह तीर मार लिया हमने यह तीर मार लिया ! लॉकडाऊन के बाद तथाकथित डामेज कंट्रोल करने के नाम पर कितने आकड़ों की पैकेज की घोषणा कर दी लेकिन उस्मेसे एक रुपये की भी कही देने वाली बात नहीं देखी हा बडे बडे धन्ना शेटो के लाखो करोड के ऋण माफ जरुर किये गये !

वोट हमारा और काम धन्ना शेटो की सुविधा के यह नही चलेगा अभि बिहार में अगर एविम में कुछ गडबडी नहीं करंगे तो लोगोने हिसाब-किताब चुकता कर लेना चाहिए ! लेकिन इवियेम की मशीन पर मेरा रत्तीभर भी विश्वास नहीं है ! वह रहेगी तो एकतरफा  नतिजा जाएगा क्योकि 2019 के चुनाव में मेरा आकलन मशीनरी का कमाल है !
आज का मुद्दा मनीषा की मृत्यू का है ! यह दरिंदे और उन्नाव के और भी कई जगह की सभी घटनाओको क्लब करके जिनकी इन्टीग्रिटी बियोंड डाऊट हो रिटायर पुलिसके और न्यायालय के लोगों द्वारा एक कमिटी का गठन कर के बाकायदा इन सब घटनाओको क्लब करके जाँच कर के दोषियों को सजा देने का काम किया जाना चाहिए  यही मेरी माँग है !

डॉ सुरेश खैरनार,30 सितंबर 2020,नागपुर

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