भोपाल। भगवान श्रीकृष्ण और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दो परम भक्तों के बीच प्रतिस्पर्धा को दर्शाते एक अभूतपूर्व नाटक का मंचन राजा राम सरकार की नगरी ओरछा में होने वाला है। पहली बार मंच पर आ रहे इस नाटक में भगवान राम की भूमिका भोपाल के स्टेज आर्टिस्ट अदनान खान निभाने वाले हैं।

जात न पूछो साधु की, वाली तर्ज पर कलाकारों पर भी यही बात साबित होती दिखाई देने लगी है। मुस्लिम परिवार में जन्मे और इस्लामी मान्यताओं के अनुयाई अदनान को जब यह भूमिका प्रतावित की गई तो उन्होंने न सिर्फ इसको सहर्ष स्वीकार किया, बल्कि किरदार से इंसाफ करने के लिए उन्होंने कई किताबें खंगाली और खुद में भगवान राम के किरदार को निभाने की शक्ति संचित की। अदनान कहते हैं कि ये चुनौतीभरा टास्क है, क्योंकि श्रीराम का किरदार निभाना आसान नहीं है। छोटी सी चूक किसी बड़े विवाद का कारण बन सकती है। वे कहते हैं कि साथी कलाकारों की हौसला अफजाई, बुजुर्गों और जानकारों से मिला मार्गदर्शन और क्षेत्रीय नेताओं, अधिकारियों तथा रहवासियों का सहयोग संबल बढ़ाने का माध्यम बना है।

ये है कथा सार
रानी कुंवरी गणेश नामक इस नाटक की कथा करीब 400 साल पहले अकबर शासनकाल की है। ओरछा के तत्कालीन राजा राम मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे। जबकि उनकी रानी कुंवरी गणेश भगवान राम की उपासक थीं। दोनों पति पत्नी के बीच अपनी आस्था और श्रद्धा को लेकर प्रतिस्पर्धा होती थी। जब इस बारे में मधुकर शाह के गुरु को पता चला तो उन्होंने भविष्य वाणी की की भगवान राम का कलयुग में प्रवेश होने वाला है। इसी धारणा के साथ ओरछा में राजा राम सरकार के मंदिर स्थापना की शुरुआत हुई। नाटक कुंवरी गणेश में उन्ही तथ्यों को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है।

भोपाल के कलाकार देंगे प्रस्तुति
संस्था रंग मोहल्ला ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स भोपाल द्वारा इस नाटक का मंचन ओरछा में किया जाएगा। निर्देशक प्रदीप अहिरवार ने इस महत्वाकांक्षी नाटक को साकार करने के लिए एक बड़ी टीम जुटाई है। जिसमें अदनान खान, कुलदीप, उदय निंबालकर, सुरभि भारती, वर्षा प्रजापति, दिव्या गौतम, पूजा सिंह, उदय निवलकर, सुनीता अहीर, विवेक त्रिपाठी समेत कई कलाकार शामिल हैं। प्रदीप के कुशल निर्देशन में समय को दर्शाने के लिए सेट डिजाइन, वेशभूषा और भाषा शैली पर विशेष कार्य किया गया है। मूलतः बुंदेलखंडी भाषा को उच्चारित करने के लिए भी कलाकारों ने खास मेहनत की है।

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