भारत में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक के पद को महिलाएं सुशोभित कर चुकी हैं। अब भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिलने की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जिन नौ जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है, उसमें तीन महिलाओं के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, भारत को पहली महिला जीफ जस्टिस के लिए 2027 तक का इंतजार करना होगा।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं। मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस नागरत्ना समेत 9 जजों के नाम पदोन्नति के लिए रिकमंड किए हैं। जस्टिस नागरत्ना अभी कर्नाटक हाईकोर्ट की जज हैं।
अगर जस्टिस नागरत्ना के नाम को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो वो 2027 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकती हैं। हालांकि, उनका ये कार्यकाल एक महीने से कुछ ही ज्यादा समय का रहेगा।
नौ जजों की होनी है सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के नवंबर 2019 में सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को नियुक्ति के लिए एक भी नाम की सिफारिश नहीं भेजी थी। न्यायमूर्ति नरीमन के 12 अगस्त को बाहर होने के बाद से सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की जगह खाली थी, लेकिन 18 अगस्त यानी आज न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद 10 लोगों की जगह सुप्रीम कोर्ट में खाली हो जाएगी।
जस्टिस नगरत्ना ने मीडिया रेगुलेशन सिस्टम की बात कही थी
जस्टिस नागरत्ना 2008 में कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त की गई थीं, 2010 में उन्हें पर्मानेंट जज नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने कमर्शियल और संवैधानिक कानूनों के आधार पर कई अहम निर्णय दिए हैं। इसके अलावा 2012 में फेक न्यूज के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जस्टिस नागरत्ना और अन्य जजों ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे कि वे मीडिया ब्रॉडकास्टिंग को रेगुलेट करने की संभावनाओं की जांच करें। हालांकि, उन्होंने मीडिया पर सरकारी नियंत्रण के खतरों से भी आगाह किया था।
नौ नाम में तीन महिला जज
कॉलेजियम की ओर से जो नाम केंद्र सरकार को नियुक्ति के लिए भेजे गए हैं, उसमें कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना का नाम शामिल है, जो पदोन्नत होकर देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं। इसके अलावा तेलंगाना हाईकोर्ट की हिमा कोहली व गुजरात हाईकोर्ट की बेला त्रिवेदी के नाम की सिफारिश भी कॉलेजियम ने की। इन तीन महिला जज के अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अभय श्रीनिवास, गुजरात के विक्रम नाथ, सिक्किम के जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, केरल के सीटी रविकुमार व एमएम सुंदरेश भी शामिल हैं।