आगरा अधिवेशन के बाद समाजवादी पार्टी में यह चर्चा सरगर्म है कि पार्टी की मुख्यधारा से आजम खान दरकिनार होंगे या रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल. आगरा अधिवेशन में आजम खान ने जिस तरह रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल पर खुला हमला बोला, उससे पार्टी में नए सिरे से अनुशासनहीनता का मसला खड़ा हो गया है. रामगोपाल और नरेश के खिलाफ आजम के तीखे बयान के बाद पार्टी में यह चर्चा जोरों से चल रही है कि इस तरह की खुली अनुशासनहीनता अखिलेश आखिर क्यों बर्दाश्त कर रहे हैं!

आगरा अधिवेशन में ही अखिलेश यादव पांच साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए और इसी अधिवेशन में आजम खान ने एक सीधी लाइन खींच कर पार्टी नेतृत्व के समक्ष चुनौती रख दी कि वे इस पार जाएंगे या उस पार. समाजवादी पार्टी के आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल और नरेश पर हुए आजम के हमले के बाद अब पार्टी के शीर्ष स्तर पर भी उन संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं से नजदीकी सम्बन्धों के आरोप जिन नेताओं पर लग रहे हैं, उन्हें पार्टी की मुख्यधारा से अलग किया जाए या उन्मादी धार्मिक लाइन पर चलने वाले आजम खान को किनारे लगाया जाए. आजम खान पर अनुशासनहीनता का मसला भी खड़ा हो रहा है जिन्होंने दो वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां कीं. सपा नेताओं का कहना है कि आजम खान अपनी बात पार्टी के अंदरूनी फोरम पर रख सकते थे, लेकिन उन्होंने सोचे-समझे तरीके से राष्ट्रीय अधिवेशन के मंच का इस्तेमाल किया और पार्टी में अनुशासनहीनता का माहौल पैदा किया. आगरा अधिवेशन में सपा नेता आजम खान ने रामगोपाल और नरेश का नाम तो नहीं लिया, लेकिन अपने भाषण में बिल्कुल स्पष्ट ही कर दिया कि उनके निशाने पर रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल ही हैं. रामगोपाल और नरेश ही सपा के वे नेता हैं जिनके मोदी और भाजपा नेताओं के साथ करीबी सम्बन्ध हैं.

रामगोपाल यादव की राज्यसभा सांसदी के 25 साल पूरे होने पर सपा नेता नरेश अग्रवाल ने दिल्ली के आलीशान अशोक होटल में जो पार्टी दी थी, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई भाजपा नेता शरीक हुए थे. इसके पहले भी रामगोपाल और नरेश अग्रवाल के मोदी और अमित शाह से मिलते-जुलते रहने की खबरें आ चुकी हैं. इससे जले-भुने आजम खान ने आगरा अधिवेशन में मंच से अपनी भड़ास निकाली. आजम ने कहा कि सपा के जो नेता मुस्लिमों के कातिलों के साथ खाते-पीते हैं, उनसे अपनी महफिलें सजाते हैं, वे भरोसे के काबिल नहीं. वे पता नहीं क्या-क्या सौदा कर ले रहे हैं. आजम ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अखिलेश यादव को भी आगाह करते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर वे कतई भरोसा न करें. कोई उनके काम नहीं आएगा. आजम ने अखिलेश से कहा कि वे दूसरी सबसे बड़ी आबादी का जख्म महसूस करें और टोपी की लाज रखें. आजम ने कहा कि मौजूदा समय में देश के मुसलमानों को कमजोर करने के लिए बहुत बड़ी ताकत काम कर रही है. लेकिन हमारे ही नेता मुसलमानों के कातिलों के साथ खाना खाते हैं, चाय पीते हैं. ऐसे लोगों से दूर रहना. ये वो लोग हैं, जो सीबीआई और ईडी से डर गए हैं. आजम का साफ-साफ इशारा रामगोपाल के लिए था. उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी के खौफ से डरना नहीं चाहिए. आजम ने अखिलेश को आगाह करते हुए कहा, ‘अखिलेश जी याद रखना उस वक्त मुसलमानों के कातिलों के साथ चाय पीने वाले आपके काम नहीं आएंगे. ये लोग ईडी और सीबीआई से डरे हुए हैं. आप मुसलमानों को भरोसा दिलाएं कि किसी भी सूरत में आप फास्सिट ताकतों से समझौता नहीं करेंगे. बिहार के लालू यादव से हमें सबक लेने की जरूरत है. वे हर जुल्म सह रहे हैं, लेकिन फासिस्ट ताकतों के सामने झुके नहीं हैं. खौफ, डर, सीबीआई की जांच ये सब आपके इरादों और मजबूत कदम को रोक नहीं सकती. आप पर यह कभी इल्जाम न आए कि आपने फासिस्ट ताकतों के साथ समझौता कर लिया.’

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