जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधि मंडल ने किया उज्जैन का दौरा। हमारा प्रदेश शांति का टापू है और यहां की गंगा-जमुनी तेहजीब दुनिया में सराही जाती रही है। कुछ असामाजिक तत्व और विघ्नसंतोषी ताकतों ने यहां अपनी पैंठ जमाने के मकसद से अशांति और वैमनस्यता का माहौल बनाना शुरू कर दिया है। यह स्थिति कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। ऐसे लोगों से निपटने के लिए सभी धर्मों को साथ आकर खड़ा होना पड़ेगा। इनको पूरी तरह से सामाजिक बहिष्कार कर ही प्रदेश की पुरानी परंपरा और रिवाज को जिंदा रखा जा सकेगा।

जमीयत उलेमा मप्र के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद ने यह बात कही। वे जमीयत के एक प्रतिनिधि मंडल के उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ित लोगों से मिलकर हालात का जायजा लिया। साथ ही इन लोगों को तसल्ली दी कि किसी के साथ कोई नाइंसाफी नहीं होगी। मौलाना अहमद ने कहा कि जो गलत है, उसको बख्शा नहीं जाएगा और जो मजलूम और बेकुसूर है, उसके साथ कोई ज्यादती नहीं होने दी जाएगी। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने अधिकारियों से मिलकर उज्जैन में की जा रही एकपक्षीय कार्यवाही का विरोध किया।

साथ ही मांग की कि प्रदेश के माहौल को खराब करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए। जिन बेकुसूरों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है, उसको तत्काल रोका जाए और हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाया जाए। इस मौके पर मुफ्ती अल्लाह कासमी, हाफिज तफरी साहब आदि मौजूद थे। मौलाना अहमद ने बताया कि इस दौरान जमा किए गए फैक्ट से भोपाल में आला अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

Adv from Sponsors