पार्षद उम्मीदवारी के चाहतमंदों में पोस्टर-हॉर्डिंग्स की लगी होड़। सियासत करने वालों को सियासत का बहाना चाहिए होता है। मौका-बेमौका, वक्त-बेवक्त, अवसर-बेअवसर वे अपना चेहरा चमकाई का रास्ता खोज ही लेते हैं। त्यौहार, जन्मदिन से लेकर नियुक्ति-मनोनयन तक पर इनके पोस्टर-हॉडिंग्स शहर में लहराने लगते हैं। शहर सरकार का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्षद बनने के ख्वाहिशमंदों ने अपनी कोशिशों को अंजाम देना शुरू करदिया है। इसी दौर में सबसे नजदीक आ रहे नए साल के अवसर को भुनाने में भी टिकट चाहतमंद पीछे नहीं हैं।

राजधानी की दीवारें, चौक-चौराहों से लेकर हॉर्डिंग्स स्पॉट इन दिनों नव वर्ष शुभकामनाओं से पटे नजर आने लगे हैं। इसके साथ ही चलित विज्ञापन करते ऑटो या अन्य वाहनों पर भी नए साल की राजनीतिक बधाईयां दिखाई देने लगी हैं। इनमें अधिकांश पोस्टर-हॉर्डिंग्स उन लोगों के हैं, जो चुनाव लड़ने की ख्वाहिश रखते हैं। हालांकि फिलहाल चुनाव तीन माह के लिए टल गए हैं और नई तारीख का ऐलान कब होगा, इसको लेकर कोई निश्चितता नहीं है, बावजूद इसके उत्साही टिकट चाहतमंदों का जोश सातवें आसमान पर दिखाई दे रहा है।

तय की पार्टी, वार्ड और दावेदारी

शहर में दिखाई दे रहे पोस्टर-हॉर्डिंग्स में अधिकांश दावेदारों ने खुद ही अपनी पार्टी, संबंधित वार्ड और अपनी दावेदारी तय कर ली है। इस दौरान कई स्थानों पर यह हालात भी बन रहे हैं कि एक ही वार्ड से एक ही पार्टी के एक से अधिक उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। इस स्थिति से राजनीतिक जानकारी न रखने वालों के लिए असमंजस की स्थिति भी बन रही है और वे कन्फ्यूज होकर लोगों से अपनी जिज्ञासा शांत कर रहे हैं।

मिल जाएगा तैयारी का ज्यादा समय

भाजपा के टिकट पर पुराने भोपाल के वार्ड 14 से अपनी दावेदारी जता रहे रफीक अहमद राजा इस चुनाव में अपनी पत्नी फौजिया के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। पिछले कई दिनों से चल रहीं उनकी तैयारियों के बीच अचानक निगम चुनाव का समय बढ़ जाने से वे विचलित नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार का फैसला है, वह सारी स्थितियों और हालात को ध्यान में रखकर चुनाव का ऐलान करेगी। चुनाव तारीख बढ़ने का फायदा यह है कि उम्मीदवारों को अपनी तैयारियों के लिए ज्यादा समय मिल पाएगा।

इधर ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड भी मैदान में

पिछले कुछ समय से जारी चर्चाओं के दौरान इस बात को रेखांकित किया जा रहा था कि इस निगम चुनाव में असद उद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम भी प्रदेशभर में अपने उम्मीदवारों को उतारेगी। बुरहानपुर, इंदौर आदि शहरों में सर्वे की बात को भी खबरों में उठाया गया था, लेकिन पार्टी जिम्मेदारों ने बाद में इन संभावनाओं से इंकार कर दिया है। इसके बाद अब एक और मुस्लिम संस्था ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने निगम चुनाव में अपने प्रत्याशियों को मैदान देने का मन बनाया है। बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा कि फिलहाल इस मामले को लेकर प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों का जायजा लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इन स्थानों से रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर उम्मीदवारों को चुनाव मैदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरूआती तौर पर बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, देवास, विदिशा, सागर, सतना आदि स्थानों से पार्षद और महापौर प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए बोर्ड के दिल्ली मुख्यालय से चर्चा जारी है, आगामी कार्यवाही वहां से मिलने वाले निर्देश पर ही की जाएगी।

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