जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं, जिससे उसे लोकसभा में विपक्ष का भी दर्जा नहीं मिलेगा. इसके लिए भी 54 का आंकड़ा चाहिए. राहुल गांधी भले ही वायनाड से बंपर वोटों से जीत गए हों. लेकिन कांग्रेस के गढ़ अमेठी पर अब भगवा लहरा रहा है. स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी.
हालांकि, बैठक को लेकर कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है. लेकिन कांग्रेसी सूत्रों का कहना है कि राहुल का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा और पार्टी उनके नेतृत्व में ही काम करेगी. कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी की करारी हार के कारणों की समीक्षा भी की जाएगी, जहां पार्टी ने 5 महीने पहले ही सरकार बनाई है.
उन्होंने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के सामने इसकी पेशकश भी की थी. लेकिन सोनिया ने उनसे कहा कि वह जो भी कहना चाहते हैं कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में कहें. इस पर राहुल मान गए. अब सबकी नजरें सीडब्ल्यूसी की बैठक पर टिकी हैं.