भोपाल। नवाबकाल से शहर भोपाल की पहचान रही जरी जरदोजी कला उचित प्लेटफार्म न मिल पाने से विलुप्त होने की कगार पर है। इसको पुनर्स्थापित करने और शिल्पियों को रोजगार सहयोग देने हस्तकरघा विभाग कुछ जरूरी कदम उठाने जा रहा है। विभाग की आयुक्त सुरभि गुप्ता ने इस शिल्प से जुड़े लोगों से चर्चा कर नई योजनाओं को आकार देने की तैयारी की है।

हस्तकरघा विभाग ने इस बात को महसूस किया है कि शहर और प्रदेश की पारंपरिक कला अनदेखियों के चलते मरणासन्न अवस्था में पहुंच गई है। उन्होंने जरी जरदोजी कला के शिल्पियों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि जल्दी ही कुछ योजनाओं के जरिए इस कला के पुनरोत्थान की कोशिश की जाएगी। उन्होंने जरी जरदोजी कलाकारों को डिजिटल प्लेटफार्म पर आकर अपनी कला दुनिया के सामने रखने की बात कही। गुप्ता ने कहा कि इससे कलाकारों को उनकी मेहनत का उचित दाम और पर्याप्त सम्मान मिल पाएगा। आयुक्त हस्तकरघा ने कहा सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लोन की प्रक्रिया पर अब विभाग सीधे नजर रखेगा और शिल्पियों के लिए पूंजी जुटाने की मुश्किलों को दूर करने की कोशिश भी करेगा। इसके अलावा जरी जरदोजी शिल्पियों के तैयार माल को बेहतर कीमत दिलाने के लिए विभिन्न सरकारी मेलों में उनकी पहुंच भी सुनिश्चित की जाएगी। आयुक्त ने कहा कि कलाकारों के लिए एक वार्षिक कैलेंडर तैयार कर उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए मृगनयनी एंपोरियम में जगह मुहैया कराई जाएगी। इससे उन्हें बिचौलियों से भी निजात मिलेगी।

होंगे खादी पर नए प्रयोग
हमारे देश का गौरव मानी जाने वाली खादी को अधिक आकर्षक और लोगों की पसंद बनाने के लिए इस पर जरी जरदोजी कला को बिखेरा जाएगा। देश के कई शहरों में ये प्रयोग किए जा रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं। आयुक्त सुरभि गुप्ता ने कहा कि भोपाल और प्रदेश के अन्य शहरों में इस नई शुरुआत के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।

इनका कहना
कला के माहिरों के पास उत्पादन के लिए पूंजी और बिक्री के लिए बाजार दोनों की कमी है। जिसका फायदा बड़े कारोबारी उठा रहे हैं। इस स्थिति को रोकने के लिए जल्दी ही कुछ ठोस प्रयास किए जाएंगे।
सुरभि गुप्ता,
आयुक्त, हथकरघा

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