8कांग्रेस, भाजपा एवं अन्य राजनीतिक दल चुनावों में फिल्म जगत के चुनिंदा सितारों को अपने प्रचारक के रूप में पेश करते थे, जिससे वे जनता का वोट बटोरने में काफी हद तक सफल भी होते रहे. समय बदला, चुनाव हाईटेक होने लगे, तो फिल्मी सितारों से प्रचार कराने की बजाय पार्टियां उन्हें टिकट देकर जनता के बीच उतारने लगीं. जनता ने भी उन्हें सिर-आंखों पर बैठाकर, वोट देकर जिताया. यह बाज़ार इतना गर्म हुआ कि इसमें न केवल फिल्म जगत, बल्कि खेल जगत के प्रसिद्ध खिलाड़ी भी कूदने को आतुर हुए. देश के किसी कोने से चुनाव लड़कर वे संसद की दहलीज आसानी से लांघ गए. सोलहवीं लोकसभा चुनाव में सिनेमा और सियासत के बीच जो धुरंधर उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें क़रीब 150 फिल्मों में काम कर चुके राजबब्बर भी शामिल हैं, जो 1994 में राज्यसभा के जरिये राजनीति में आए. वह तेरहवीं एवं चौदहवीं लोकसभा चुनाव के  आगरा से सांसद बने. पंद्रहवीं लोकसभा में राजबब्बर फिरोजाबाद से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह की बहू डिंपल को हराकर कांग्रेस के सांसद बने. इस बार वह गाज़ियाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं. वह जनमोर्चा, समाजवादी पार्टी होते हुए अब कांग्रेस में हैं. राजनीतिक गलियारों में राजबब्बर के लिए कहा जाता है कि वह विश्‍वसनीय हैं और ज़िम्मेदार भी. राजबब्बर कहते हैं कि वह सिनेमा के साथ-साथ राजनीति में सक्रिय हैं और गंभीर भी.
1996 में तेलुगुदेशम पार्टी से राज्यसभा में पहुंच कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाली जयाप्रदा 2004 एवं 2009 में सपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद बनीं. अब वह अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय  लोकदल के टिकट पर बिजनौर से संसद में पहुंचने की राह पर अग्रसर हैं. भोजपुरी फिल्मों के हीरो रवि किशन जौनपुर से राजनीति की वैतरणी पार करके कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा में जाना चाहते हैं, लेकिन उनके समर्थन में वहां के हालात कोई बहुत सुकून देने वाले नहीं हैं. रवि किशन के लिए एक अहम बात यह मानी जा रही है कि परदे की पटकथा से लेकर निजी जीवन की हर कथा, अंतर्कथा और व्यथा में हर तरह के साथ निभाने वाली उनकी सहेली नगमा भी कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार के तौर पर इस बार मेरठ से चुनाव लड़ रही हैं. रवि एवं नगमा की कई फिल्में हिट रही हैं. कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने वक्त रहते कानपुर से समाजवादी पार्टी का टिकट लौटाकर अपनी इज्जत बचा ली और बाद में भाजपा में चले गए.
ड्रीमगर्ल के नाम से मशहूर हेमामालिनी मथुरा सीट से  भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी मथुरा से हेमामालिनी का सामना करते हुए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनका कहना है कि मथुरा संसदीय क्षेत्र में भाजपा का किसी स्तर पर प्रतिनिधित्व नहीं है. न तो भाजपा की किसी विधानसभा सीट से कोई उम्मीदवार जीता है और पंचायत पार्षद के तौर पर. उन्होंने अपने कार्यकाल में किए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी मुख्य लड़ाई भाजपा से है. उसके लिए वह पूरी तरह तैयार हैं. अमेठी से भाजपा ने छोटे पर्दे पर बहू का किरदार निभा चुकीं स्मृति ईरानी को टिकट दिया है. उनका मुकाबला कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से है. आप ने अभिनेता जावेद जाफरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के सामने लखनऊ से उतारा है. देखना यह है कि इनमें से किसे जीत मिलती है.

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