सीमा पर अड़ियल और आक्रामक रुख अपना रहे चीन को भारत ने उसी की भाषा में जवाब दिया है। हालांकि, यह जवाब कुछ ऐसा है जिससे चोट भी लगेगी लेकिन बिना आवाज किए। दरअसल, भारत सोमवार से दोबारा 152 देशों के लिए ई-वीजा सुविधा को बहाल कर रहा है लेकिन इस बार चीन, हॉन्ग-कॉन्ग और मकाऊ को इन देशों की फेहरिस्त से भारत ने बाहर रखा है। वहीं, ताइवान, वियतनाम, सिंगापुर और अमेरिका सहित 152 देशों के नागरिक भारत में ई-वीजा सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

कौन-कौन से देशों से छिनी ई-वीजा फैसिलिटी?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल 156 देशों के लिए ई-वीजा सुविधा फिर शुरू करने का फैसला किया है। जिन देशों को यह सुविधा मिलेगी, उनमें अमेरिका, वियतनाम, सिंगापुर, ताईवान के अलावा 152 अन्य देश शामिल होंगे। लेकिन जिन देश के नागरिकों को ई-वीजा नहीं मिलेगा, उनमें चीन, कनाडा, ब्रिटेन, ईरान, मलेशिया, इंडोनेशिया और सऊदी अरब शामिल हैं। चीन के अंतर्गत आने वाले हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ के लोगों को भी ई-वीजा की सुविधा नहीं दी जाएगी, लेकिन चीन से अलग स्वायत्त ताईवान के लोगों के लिए भारत ने यह सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।

माना जा रहा है कि यह सीधे तौर पर चीन को भारत के बदलते रुख का संदेश है। दरअसल, चीन लगातार भारत के साथ आक्रामक रवैया अपना रहा है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीनी सेना घुसपैठ की कोशिशों में जुटी हैं। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी बीजिंग की तरफ से भारत का विरोध जारी है। हाल ही में भारत की तरफ से अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से भी चीन ने दूरी बना ली।

ई-वीजा न जारी करने का भारत का यह फैसला क्यों?
गौरतलब है कि भारत की ई-वीजा सुविधा पहले 171 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध थी। इसमें चीन भी शामिल रहा। लेकिन कोरोनावायरस के बाद से लगे यात्रा प्रतिबंधों के बाद कई देशों ने भारतीय नागरिकों के लिए या तो अपने दरवाजे नहीं खोले हैं या प्रक्रिया को काफी कठिन बना दिया है। ऐसे में भारत ने भी अब जवाबी कार्रवाई के तहत कई देशों को ई-वीजा न जारी करने का कदम उठा लिया है।

 

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