cash-crises-notebanनोटबंदी के दौरान ईडी, इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट व अन्य एजेंसियों ने करीब 100 करोड़ रुपए के नए नोट जब्त किए थे. जब सरकार कैश क्राइसिस से गुजर रही थी, तो ऐसे में इन नए नोटों को ईडी के स्ट्रॉन्ग रूम में रखने का कोई मतलब नहीं था. इसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है कि इन नोटों को जल्द मार्केट में लाया जाए, ताकि जनता को थोड़ी-बहुत राहत मिल सके. जब्त नोटों में से ज्यादातर 2000 रुपए के नोट ही हैं.

ईडी के डायरेक्टर कर्नाल सिंह ने अपने क्षेत्रीय इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे विभिन्न शहरों में खुलवाए अपने खातों में इन नए नोटों को जमा करें ताकि इन्हें जल्द सर्कुलेशन में लाया जा सके.

फैसला होने तक स्ट्रॉन्ग रूम में पड़े रहते थे नोट

इसके साथ ही सरकार ने इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट को भी जब्त पैसे को बैंकों में जमा कराने को कहा है. इससे पहले एजेंसियां जब तक केस की औपचारिता पूरी न हो जाए तब तक इन कैश व जब्त सामानों को स्ट्रॉन्ग रूम में रखती थीं. यह प्रक्रिया बहुत लंबी थी और केस की सुनवाई होते-होत सालों लग जाते थे.

तब तक सभी सामान व कैश स्ट्रॉन्ग रूम में ही रखे रहते थे. अभी सरकार का मकसद जल्द से जल्द लोगों की कैश की समस्या को दूर करना है, ताकि लोगों को राहत मिल सके. इन्कम टैक्स के अधिकारियों ने बताया है कि जब्त पैसे देश की संचित निधि में जमा करा दिए गए हैं.

यहां से मिले थे नए नोट

नोटबंदी के दौरान सिर्फ तमिलनाडु और कर्नाटक से ही 60 करोड़ रुपए के नए नोट जब्त हो चुके हैं. कोलकाता में इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट ने 21 लाख रुपये के नए नोट जब्त किए. वहीं, हाल में दो अन्य छापेमारी के दौरान ठाणे और नासिक में 50 लाख रुपये के नोट जब्त किए गए.

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