आपने सुना होगा की कुछ लोग समय के एक पड़ाव के बाद अपना सांसारिक जीवन छोड़कर सन्यासी जीवन अपना लेते हैं और फिर दोबारा अपनी पुरानी जिंदगी की और मुद कर नहीं देखते हैं. ठीक ऐसा ही एक मामला एक बार फिर सामने आया है जिसमें पहले तो पति सुमित राठौर ने दीक्षा लेकर गृहस्त जीवन त्याग दिया और बाद में पत्नी अनामिका भी साध्वी बन गईं।
आपको बता दें कि इस दंपत्ति की एक तीन साल की बेटी भी है जिसे घरवालों को सौन्पर इन दोनों पति-पत्नी ने सामजिक जीवन त्यागकर आध्यात्म की दुनिया में कदम रख दिया है. बता दें कि
इनका नामकरण अनाकारश्रीजी किया गया है।
सुमित मप्र के नीमच और अनामिका राजस्थान के कपासन के रहने वाले हैं। सुमित और अनामिका के गृहस्थ जीवन से तीन साल की बेटी भी है। दोनों ने करीब 100 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी त्याग कर संन्यास लेने का फैसला किया। बेटी का सवाल सामने आने पर यह मामला मानवाधिकार आयोग तक भी पहुंचा था।
नीमच के बिजनेसमैन नाहरसिंह राठौर के बेटे सुमित और बहू अनामिका की शनिवार सुबह साथ दीक्षा होनी थी। लेकिन कुछ लोगों ने सुमित और अनामिका की तीन साल की बेटी इभ्या का मामला उठाया। इनकी शिकायत थी कि पैरेंट्स के संन्यास के फैसले से बच्ची के अधिकारों का हनन हुआ है।