दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के हालात अभी से ही इतने खराब है कि दिवाली से पहले ही पटाखों को जलाने की अवधि सीमित कर दी गई है. इसके अलावा एनजीटी ने कूड़ा न जलाने के सख्त आदेश कर रखे हैं. दो साल पहले कूड़ा जलाए जाने के आरोप में एनजीटी ने जिला प्रशासन और नगर पालिका पर जुर्माना भी लगाया था. इसके बावजूद कूड़ा जलाए जालाने का काम बंद होने का नाम नहीं ले रहा है.

वहीं एनजीटी ने तीर्थस्थलों के आस-पास कूड़ा ना जलाने के भी सखत निर्देश दे रखें है पर इसका भी कोई पालन करता नहीं दिख रहा है. वृंदावन स्तिथ प्रेम मंदिर के सामने प्लाट में लंबे समय से पूरे इलाके का कूड़ा डाला जा रहा है. इस कूड़े के निस्तारण के लिए रात में आग लगा दी जाती है. कूड़ा इतना एकत्रित हो जाता है कि जलने के बाद इसका धुंआ न केवल प्रेममंदिर की इमारत को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि आसपास के इलाके में रह रहे लोगों के लिए भी खतरा बना हुआ है. नगर निगम वृंदावन जोन के संयुक्त नगर आयुक्त सतेंद्र तिवारी कहते हैं कि परिक्रमा मार्ग के बाहर प्रेममंदिर का जो इलाका है, वह निगम के अंतर्गत नहीं आता है. इस इलाके की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण की है. कूड़ा निस्तारण के लिए विप्रा को उपाय करने चाहिए. विप्रा उपाध्यक्ष नागेंद्र प्रताप कहते हैं कि उनके विभाग के कर्मचारी तो कूड़ा नहीं जलाएंगे. अगर, कूड़ा जलाया जा रहा है तो दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी.

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