बीजेपी धार्मिक क्रांति करना चाहती थी और कांग्रेस की मदद से वो ऐसा करने में सफल भी हुई

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Manish Dixit

Journalist & Socio-political analyst

कांग्रेसी और कम्युनिस्ट पता नहीं क्या करना चाहते है, इन्हें अपने उठाये गये कदमों का आउटकम आज भी पता नहीं है,
एक कोई भाकपा माले है जो पूरे प्रदेश में राम मंदिर शिलान्यास का विरोध कर रही है, दूसरे कांग्रेसी है जो एक कार्टून लेकर परेशान है, जिसमें नरेन्द्र मोदी राम जी की उंगली पकड़कर उन्हें राम मंदिर पहुंचा रहे है|

आखिर ये सब करके साबित क्या करना चाहते है?

क्या इन सबका कोई फर्क कट्टर भाजपाई वोटर हो चुके लोगों पर पड़ेगा ?

मैं इतिहास में नहीं जाना चाहूंगा, इतिहास में कांग्रेस के पास काफी समय और समर्थन था, देश में सामाजिक-आर्थिक क्रांति करने का लेकिन अफसोस कि कांग्रेस उन मौको को गंवा बैठी|

लेकिन बीजेपी धार्मिक क्रांति करना चाहती थी और कांग्रेस की मदद से वो ऐसा करने में सफल भी हुई|

हाल-फिलहाल एक ही बात कहना चाहूंगा, मंदिर से लौटकर आने वाले इंसान को भी भूख लगती है, उसकी जेब में पैसा कहा से आयेगा, कहां जायेगा, इसकी चिंता भी सताती है,तो फिलहाल इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए|
राजनीति से एक मुद्दा खत्म हो रहा हो तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। उम्मीद करनी चाहिए कि प्रभु के आशीर्वाद से देश उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा।

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