बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक हाईकोर्ट के वकील की पत्नी ने पहले अपने दो बच्चों की हत्या की कोशिश की और बाद में खुद को मार डाला। 32 वर्षीया ज्याेति ने ख़ुदकुशी के लिए अपने गले पर भी सात बार वार किये थे। चाकू के लगने से दाेनाें बच्चे घायल हाे गए। सवा साल के बेटे स्नेह उर्फ छोटू की हालत नाजुक है, जबकि सात साल की बेटी पीहू खतरे से बाहर है। दोनों का इलाज कंकड़बाग स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

आखिर ज्योति ने ऐसा क्यों किया ये अब तक साफ़ नहीं हैं। लेकिन, ज्योति के पिता और भाई दीपक कुमार का आरोप है कि अमित उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। उसकी हत्या की गई है।

यह घटना करीब चार बजे हुई है पर पुलिस को सूचना परिजनों ने नहीं दी। स्थानीय लोगों ने रात करीब दस बजे पुलिस काे जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि ज्योति बेड पर मरी पड़ी थी। थानेदार रामप्रवेश भारती ने बताया कि ज्योति के गले पर जख्म के निशान हैं। पुलिस को माैके से दो चाकू मिले हैं पर उनपर खून के दाग नहीं हैं। ज्योति की शादी 2011 में हुई थी।

उपेेंद्र व दीपक का आरोप है कि अमित उसे बढ़िया साड़ी पहनने को नहीं देते थे। न ठीक से उसे रखते थे। हमेशा उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे। यहां तक कि उसके मोबाइल का रिचार्ज भी अमित नहीं कराते थे। वह तनाव में रहती थी। पति के साथ ही ससुराल वाले उसे कई तरह से तंग किया करते थे। उसने खुदकुशी नहीं की है, उसकी हत्या की गई है। पुलिस मामले की ठीक से छानबीन करे।

मामले की तफ्तीश के बारे में इलाके थानेदार रामप्रवेश भारती ने बताया कि उन्होंने बेटी पीहू से अस्पताल में पूछताछ की है। उसने बताया कि मां ने चाकू मारा है। क्यों किया गया, जांच के बाद पता चलेगा। थानेदार ने बताया कि जब पुलिस वहां गई तो मौके पर खून पसरा नहीं हुआ था। किसी ने उसे धो दिया गया था। ऐसा क्यों किया गया, यह जांच में खुलासा होगा।

भले ही पुलिस इसे सुसाइड मान रही है। लेकिन इस ख़ुदकुशी ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं, ज्योति के पिता व भाई दीपक का आरोप है की उनकी बहन और बच्चों की हत्या की गई है। आखिर ऐसा नहीं है तो वारदात जब तीन-साढ़े तीन बजे के आस पास की है तो पुलिस को क्यों नहीं खबर किया गया ? दूसरी बात यह है कि जब ज्योति के गले पर जख्म के गहरे निशान हैं तो इसका मतलब मौके पर खून गिरा होगा। पुलिस जब वहां गई तो खून साफ था। सवाल यह है कि साक्ष्य को क्यों मिटाया गया? क्या अमित व घर वाले मामले को दबाना चाहते थे? पुलिस इन बिंदुओं पर भी छानबीन करेगी। अमित से पुलिस बयान नहीं ले सकी है।

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