छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने एक भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला किया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई। वहीं, आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से विधायक के साथ काफिले में मौजूद तीन सुरक्षाकर्मी और एक वाहन चालक की भी मौत हो गई थी। अपने विधायक की इस मौत को मोदी सरकार ने शहादत बताया था। लेकिन आज उसी शहीद के परिवार ने नाराज़गी जताई है।

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं बुलाए जाने पर छत्तीसगढ़ के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने नाराजगी जताई है। ओजस्वी मंडावी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि समारोह में नहीं बुलाए जाने पर खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हूं। ओजस्वी ने कहा प्रधानमंत्री जी जो बंगाल की हिंसा में मारे गए लोगों की यदि लेकिन अपने विधायक के परिवार की याद नहीं आई।

ओजस्वी मंडावी ने कहा कि उनके पति भी भाजपा के कार्यकर्ता थे। आज भी उनका परिवार पार्टी के लिए समर्पित है। ओजस्वी के पति और दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की लोकसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पूर्व 9 अप्रैल को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी।

चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बाद मोदी दूसरी बार गुरुवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शाम को होने वाले इस समारोह के लिए देश और दुनिया से तमाम मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इन वीआईपी की लिस्ट में जो नाम सबसे अलग हैं, उनमें लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों के नाम हैं।

भीमा मंडावी की पत्नी के इस बयान पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि किसे बुलाना चाहिए था और किसे नहीं। इस पर मैं बहुत कुछ नहीं बोलना चाहता हूं, लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूं कि 23 मई को चुनाव परिणाम आ चुके थे। तीस मई को शपथ ग्रहण था। ऐसे में भाजपा के पास भीमा मंडावी के परिवार वालों को बुलाने वालों के लिए काफी समय था। बघेल ने कहा कि बुलाना तो उन परिवार के लोगों को भी था जिनके परिवार के वीर सपूतों ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहादत पायी थी।

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