माननीय प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी बेटी बचाओ बोलते है ! और इतने दिनों से कुछ बेटीया जंतर-मंतर पर अपने उपर हो रहे अन्याय को लेकर धरना देकर बैठी है ! क्या यह उनकी नजर में नहीं आ रहा है ?
अंतमे कल सर्वोच्च न्यायालय को सज्ञान लेना पडा ! और दुसरी तरफ न्यायालय को पाठ पढ़ाने के लिए कुछ आपही के लोग आयेदिन कुछ न कुछ बोलते रहते हैं ! जिसमें वर्तमान और पूर्व कानून मंत्री सबसे आगे है !
भारतीय कुस्ती संघ के अध्यक्ष श्री. ब्रिजभूषन शरन सिंह, आपके दल के सांसद भी है ! क्रिकेट से लेकर ऑलंपिक के पदाधिकारियों की जगह राजनीतिक दलों के लोगों को बहाल करने का सिलसिला अविलंब बंद करना चाहिए ! उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों को उन पदो पर नियुक्त करना चाहिए ! यह पार्टी वुईथ डिफरंस की बात करते हुए कांग्रेस की ही राह पर चलने का सिलसिला कहाँ पार्टी वुईथ डिफरंस हैं ?
क्रिकेट के पदाधिकारियों के पदों पर अनुराग ठाकुर और जय शाह को बनाए रखने का क्या औचित्य है ? वैसे ही कुस्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रिजभूषन शरन सिंह जो आपके दल के सांसद है ! एक हप्ते से अधिक समय हो रहा है ! कुछ लडकियां चिलचिलाती धुप में एक हप्ते से देश की राजधानी में हमे बचाओ हमें बचाओ बोलते हुए बैठे हैं ! और आप बेटी बचाओ अभियान की घोषणा करते हो ! और आपके अपने राजधानी के शहर में कुछ बेटीया अपने उपर यौन शोषण जैसे संगीन अपराध के आरोपों को लेकर जांच की मांग कर रहे हैं ! और दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए टाल-मटोल कर रही है ! किसके इशारो से ?
कल ही सर्वोच्च न्यायालय ने 2020 के फरवरी माह में हुए दिल्ली के दंगों को लेकर गृह मंत्रालय से लेकर संचार मंत्रालय की कारगुजारियों पर सख्त टिप्पणी करते हुए मिडिया वन और एशिया नेट टीवी चैनल के लाईसेंस बहाली का हुक्म दिया है ! और आने वाले 25 जून को, आप और आप के द्वारा नियंत्रित किया गया तथाकथित मुख्य धारा का मिडिया ! आपातकाल की घोषणा के 48 साल के उपलक्ष्य में, अभिव्यक्ती स्वातंत्र्य से लेकर तानाशाही पर खुब बोलने और लिखने वाले हो ! पर गत नौ सालों से अपने पहले दिन से ही आपको जनतंत्र तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कितनी कद्र है ? इसका अंदाजा आपके सलाहकार मंडल के सबसे वरिष्ठ नेता श्री. लालकृष्ण आडवाणीजी ने इंडियन एक्सप्रेस के शेखर गुप्ता को आप प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीनों के भीतर आपातकाल की घोषणा के चालीस साल के उपलक्ष्य में दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि वह घोषणा कर के लगाया आपातकाल था ! लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही यह सरकार सत्ता में आई और उन्होंने अघोषित आपातकाल और सेंसरशिप शुरू कर दिया है इसका क्या ?
और कल ही कुस्तीगीर लडकीयो के दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने हुक्म दिया है ! और आप लोग न्यायालय को मर्यादा में रहने के लिए धमकाते हो ? क्या गदर मचा कर रखा है ? मतलब मिडिया संस्थाओं से लेकर सभी जांच एजेंसियों को अपने मनमर्जी से उनका इस्तेमाल कर रहे हैं ! इसका सबसे बड़ा प्रमाण दिल्ली पुलिस को इन बच्चियों के एफआईआर दर्ज करने के लिए कौन रोक लगा रहा है ? जिसमें हमारे देश के सबसे बड़े न्यायालय को कहना पड रहा है ! “कि एफआईआर दर्ज करो !”
लानत है ऐसे गुडगवर्नेस का दावा करने वाले लोगों पर ! जो कोरोना से लेकर दंगों तक पुलिस को गलत तरीके से इस्तेमाल करने की कृती कर रहे हो ! अनुराग ठाकुर खुलेआम गोली मारो सालों को लेकर जुलुस निकालता है ! और आज तीन साल से अधिक समय हो रहा है ! तब सर्वोच्च न्यायालय को सज्ञान लेना पड रहा है ! और वह दिल्ली पुलिस को डांट-फटकार लगाकर एफआईआर दर्ज करने के लिए कह रहा है ! क्या यह आपके खुद के सरकार के लिए बहुत सम्मान का आदेश है ? गुजरात के दंगों से कुछ भी सबक लेकर नहीं आये ?
और वहीं बात जिस प्रदेश की महिलाओं के घुंघट अभितक हटे नही ! उन्हीकी मांओ की बच्चियों को कुस्ती जैसे सिधा शारीरिक व मानसिक ताकद का प्रमाण देनेवाले खेल में शामिल होने वाली बच्चीया ! अपने उपर हो रहे यौन शोषण जैसे संगीन आरोप कर रहे हैं ! और आप उसके जांच करने के लिए भी तैयार नहीं हो ? फिर आपको बेटी बचाओ अभियान में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है ! अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से लेकर न खाऊँगा और न ही किसी को खाने दुंगा घोषणा भी बेटी बचाओ जैसे ही हैं ? (जो कि आपकी अपनी कर्नाटक की सरकार को कर्नाटक के सामान्य लोगों को चालिस पर्सेन्ट वाली सरकार बोलते हुए आपने भी सुना होगा ! उसका क्या ? )
तथा सबका साथ सबका विकास, पसमांदा मुसलमानों को स्नेह करो और हरसाल दो करोड़ रोजगार दूंगा तथा विदेशों में जमा काला धन वापस लाने से लेकर हरेक भारत के नागरिक के खाते में पंद्रह लाख रुपये जमा करने के जुमले और बेटी बचाओ अभियान में जुमले बाजी के अलावा कोई दम नहीं है ! यह आपके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आपको मारने के लिए मुंबई के दिवा में रहने वाली इशरत जहाँ सिर्फ़ अठारह साल की लड़की जो अपने बाप मरने के बाद अपने घर को टूशन चला कर चलाने वाली लड़की को फिदायीन के नाम पर अहमदाबाद के आऊटर रिंग रोड पर रात के तीन बजे के समय अन्य तीन लडकों के साथ मारने की घटना से लेकर बिल्किस बानो के उपर अत्याचार करने वाले गुनाहगारों के रेमिसन के आड में छोडने की कृती को क्या बेटी बचाओ अभियान के नारे से लेकर पसमांदा मुसलमानों को स्नेह करने की कृती है ? तो ऐसे कृतीयो को अविलंब रोकिए !
आंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली लड़कियों के साथ अगर यह हो रहा है ? तो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आयेदिन हर सातवें मिनट में एक छोटी बच्ची से लेकर उम्र दराज औरत के उपर हो रहे अत्याचारों की बात बहुत दूर है ! वहां तो अत्याचार से पीड़िता को और भी कई तरह की मुश्किलों से गुजरना पड़ता है !
गत नौ सालों से विरोधियों के पिछे हाथ धोकर पडे हो ! हमारे जांच एजेंसियों को शायद ही कोई ऐसा दिन होता होगा कि उन्हें कोई और मामले को लेकर काम करने दिया जाता होगा ! कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और ओखा से लेकर ऐझवाल तक खंगाल – खंगाल कर विरोधी लोगों की कमर तोड़ने में लगे हुए हैं ! यही कुस्तीगीर महासंघ का अध्यक्ष विरोधी होता तो संपूर्ण मिडिया से लेकर पूरी एजेंसियों को लेकर उसे किसी भी तरह से छुटकारा मिला नहीं होता ! और आज वह जेल में बंद कर दिया गया होता ! लेकिन अतिक अंसारी का खात्मा करते हुए नरोदा पटिया और बिल्किस बानो के साथ अत्याचार करने वाले गुनाहगारों के जधन्य कांडों के बावजूद इन अपराधियों को छोड़कर देश और दुनिया को क्या संदेश दे रहे हो ?
डॉ. सुरेश खैरनार 26 अप्रैल 2023, नागपुर