ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच टकराव कम नहीं हो रहा है। केंद्र ने बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय को सोमवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली तलब किया था। लेकिन, अभी तक अलापन के दिल्ली पहुंचने की कोई सूचना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, अब केंद्र सरकार अलापन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।

बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से पैदा विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया।

अलापन बंद्योपाध्याय चक्रवात यास के रिव्यू के लिए शुक्रवार को बुलाई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचे थे। इसके बाद शाम को ही उन्हें दिल्ली बुलाने के आदेश जारी हो गए।

इस बीच, केंद्र और ममता सरकार के टकराव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उतर आए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाए जाने के मामले का जिक्र अपने ट्विटर पर एक न्यूज पेपर की कटिंग के जरिए किया है। उन्होंने लिखा है- ये समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं, सबके साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को बंगाल पहुंचे थे। वे यास तूफान से राज्य में हुए नुकसान का रिव्यू करने के लिए पहुंचे थे। इस मीटिंग में भी मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय देर से पहुंचे थे।

अलपन बंद्योपाध्याय के ट्रांस्फर को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार आमने सामने हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले को लेकर पीएम मोदी को पांच पेज की चिट्ठी लिखकर कहा है कि चीफ सेक्रेटरी को रिलीव नहीं करेंगे। अपने पत्र में मुख्यमंत्री बनर्जी ने आदेश को एक तरफा बताते हुए हैरानी जताई है।

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