कर्नाटक में बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने बोम्मई बधाई देते हुए ट्वीट किया है, ‘मुझे भरोसा है कि आप कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाएंगे और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे।’ येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद भाजपा विधायकों की मंगलवार को हुई बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। बता दें कि बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक- केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी- भी शामिल थे। विधायक दल की बैठक से पहले पर्यवेक्षकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी। इससे पहले दिन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरूण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के साथ येदियुरप्पा से मुलाकात की थी।
राज्य सरकार में दूसरे नंबर के नेता बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते हैं। अभी तक वह राज्य के गृह मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री का पद भी संभाल रहे थे। बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है और वह ‘जनता परिवार’ से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
2023 के चुनाव में लिंगायतों से ही सत्ता का गणित साधने की कोशिश
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने येदियुरप्पा के हटने के बाद लिंगायत समुदाय के ही किसी व्यक्ति को नया सीएम बनाकर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश की है।
बता दें, बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया था। राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी।दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले येदियुरप्पा ने चार बार राज्य का नेतृत्व किया।