भोपाल। आजादी के मतवालों का जब भी जिक्र होता है तो कोई अध्याय मौलाना बरकत उल्लाह भोपाली के जिक्र के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। अपने वतन की आजादी का जोश और जज्बा उन पर इस तरह हावी था कि उन्होंने ऐलान कर दिया कि वे गुलाम हिंदुस्तान में सांस नहीं ले सकते। देश की आजादी के मिशन को लेकर पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वाले मौलाना बरकत उल्लाह भोपाली का निधन अमेरिका में हुआ। उनकी यादें आज भी वहां के म्यूजियम में संजो कर रखी गई है
मौलाना बरकत उल्लाह भोपाली की पुण्यतिथि पर सोमवार को राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने ये बात कही। जमीयत उलेमा हिंद की मप्र इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हाजी मोहम्मद हारून, प्रो नोमान खान, मोहम्मद कलीम, मेहरून हसद, इस्माइल बेग, पंडित अनिल महाराज आदि मौलाना बरकत उल्लाह भोपाली को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वक्ताओं ने बरकत उल्लाह की याद में शहर में लाइब्रेरी, पेंटिंग कंपीटिशन, गली सड़क संस्थाओं आदि के नामकरण आदि के सुझाव भी दिए। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन हाजी इमरान हारून ने व्यक्त किया।इस मौके पर बड़ी संख्या में जमीयत कार्यकर्ता, नागरिक मौजूद थे।