चकदेही नारायणगंज मंडला में आयोजित नर्मदा चिंतन समागम कार्यक्रम की भूमिका को रखते हुए बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा ने कहा कि राजस्थान में बाड़मेर से लेकर गुजरात के सौराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 35 शहरों और उद्योगों की प्यास बुझाने का जिम्मा नर्मदा पर है।जबकि नर्मदा किनारे छोटे – बङे 52 शहरों का मलमुत्र व गंदगी नर्मदा में गिरता है।दूसरी ओर इस नदी पर बांध बनाकर पर्यावरण, जैव विविधता और लाखों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन डूबाकर लोगों का काफी बङा नुकसान कर दिया है।

नर्मदा किनारे थर्मल पावर प्लांट और चुटका परमाणु परियोजना प्रस्तावित है जो इसके अस्तित्व पर प्रतिकूल असर डालेगा।चकदेही सरपंच जगदीश धुर्वे ने कहा कि बसनिया बांध के भय से लोगों ने भवन निर्माण कार्य को रोक दिया है।सिवनी टोला सरपंच धरम लाल उददे ने कहा कि सभी को एक साथ आना होगा तब इस जबरन विस्थापन की लङाई को जीत पाएंगे।कापा सरपंच मनीराम धुर्वे ने कहा कि हमारी जमीन डूब जाएगी तो हम दूसरी ऐसी उपजाऊ जमीन नहीं बना पाएंगे। मोहगांव जनपद सदस्य सीताराम मरावी ने कहा कि सरकार को पांचवी अनुसूचि के क्षेत्र में ग्राम सभा के निर्णय का परिपालन करना चाहिए।रमपुरी की सुषमा बाई ने कहा कि हम अपना जमीन और जंगल डूबने नहीं देंगे।

जिला पंचायत सदस्य विजय सर्वटे ने कहा कि आपके ऊपर किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे।निवास विधायक डाक्टर अशोक मर्सकोले ने कहा कि सरकार बङे बांध को निरस्त कर इसके जगह लिफ्ट सिंचाई योजना बनाए।इस सबंध में  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है।आदिवासी क्षेत्र के संसाधनों का ऐसा नियोजन हो कि समुदाय को उसका लाभ मिले न कि बङी बङी कम्पनियो को।उन्होने कहा कि विस्थपितो की लङाई सङक से सदन तक लङने के लिए संकल्पित हूं।शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा कि जीवन दायनी नर्मदा को संरक्षित करना हम सबकि सामूहिक जिम्मदारी है।

नर्मदा पर बनने वाले बसनिया और राघवपुर बांध से हमारे विधानसभा क्षेत्र की 61 गांव प्रभावित हो रहे हैं।हम इसका विरोध करेंगे और आगामी अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रदेश के राज्यपाल का डिंडोरी आगमन के समय इस विस्थापन को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।आदिवासी पारम्परिक ग्राम सभा के हरी सिंह मारावी ने कहा कि हमें दलालों से बचकर रहना होगा।आपको रूपये की लालच देकर फंसाया जा सकता है।निवास विधानसभा के पुर्व विधायक राम प्यारे कुलस्ते ने कहा कि विकास के साथ आदिवासी समाज को नैसर्गिक न्याय मिलना चाहिए।वर्तमान शिवराज सरकार विस्थपितो

की बेहतर पुनर्वास व्यवस्था और न्याय करेगी।परन्तु उपस्थित महिलाओ ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमें बांध नहीं चाहिए। बसनिया बांध के प्रभावित गांव चकदेही,कापा,मरवाही, मुंडी,मटीयारी, सिवनीटोला, औढारी, फुलवाही, बेहतर,बसगढि, दुपट्टा,रमपुरी, धनगांव, चुभावल, चिमका टोला,बरझर,बालपुर, डोकरघाट आदि के सैकङो महिला पुरूष इस कार्यक्रम में शामिल थे।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महेश मरावी,संतोष परते,दयाल सिंह धुर्वे,ललित धुर्वे, गौतम यादव, गणपत लाल बर्मन, जगत चिचाम, जियालाल,मुन्ना लाल बरकङे और बरगी विस्थापित संघ के शारदा यादव की भूमिका उल्लेखनीय रहा।मंच का संचालन नारायणगंज जनपद सदस्य बजारी लाल सर्वटे ने किया।

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