राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गयी है. nrcassam.nic.in पर क्लिक करने के बाद अपना ऐप्लिकेशन रिफरेंस नंबर और कैप्चा कोड डालकर आप एनआरसी सूची को चेक कर सकते हैं. हालांकि वेब साइट पर ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से खुलने में थोड़ा समय लग रहा है. एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद किसी भी संवेदनशील स्थिति से निपटने के लिए असम के कई इलाकों में धारा 144 लागू की गयी है.

एनआरसी के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हाजेला ने जानकारी दी कि कुल 3,11,21,004 लोग इस लिस्‍ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं. उन्‍होंने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट से 19,06,657 लोग बाहर किये गये हैं. एनआरसी बाहर से किये गये लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करनी होगी.

इस बीच असम के मंत्री असम के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) असमिया समाज के लिए “रेड लेटर” के रूप में नहीं देखा जा सकता है. बीजेपी नेता ने संकेत दिए कि उन्हें इस बात पर थोड़ा भरोसा था कि यह लिस्ट विदेशियों से छुटकारा पाने में मदद करेगा. सरमा ने शुक्रवार को लोकल पत्रकारों से कहा, ”ड्राफ्ट के आने के बाद हमने एनआरसी के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए आशा खो दी है. जब कई सच्चे भारतीय इससे बाहर चले गए, तब आप कैसे इस बात का दावा कर सकते हैं कि यह डॉक्यूमेंट असमिया समाज के लिए रेड लेटर है.”

उन्होंने कहा, ”साउथ सलमरा और धुबरी की तरह बांग्लादेश की सीमा वाले जिलों में, बाहर निकाले जाने की दर सबसे कम है और भूमिपुत्र जिले में, यह अधिक है. यह कैसे हो सकता है? हमें अब इस एनआरसी में कोई दिलचस्पी नहीं है.” हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा, ”बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी कोई क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल नहीं है. थोड़ी देर प्रतीक्षा करें और आप भाजपा शासन के तहत अधिक फाइनल देखेंगे.”

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