केरल के बाबू समाज में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश के आईएएस अधिकारियों के बीच जबरदस्त तकरार देखने को मिल रही है और उन्होंने इस आपसी लड़ाई में मुख्यमंत्री ओमान चांडी को भी खींच लिया है. इस तकरार की वजह से अधिकारियों का एक वर्ग मुख्य सचिव ई के भारत भूषण एवं उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ हो गया है. सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब सामने आया, जब मुुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के निदेशक राजू नारायण स्वामी ने स्टेट आईएएस एसोसिएशन में मुख्य सचिव के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की और उन पर उत्पीड़न एवं राज्य सतर्कता आयोग में जांच की अनुशंसा करने का आरोप लगाया. अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर नारायण स्वामी को भ्रष्टाचार का खुलासा करने के कारण पिछले साल केरल नागरिक आपूर्ति विभाग के आयुक्त पद से हटा दिया गया था. यह मुद्दा राज्य सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक रस्साकशी का कारण बना था. विपक्ष के नेता वी एस अच्युतनंदन का मानना है कि प्रशासन में दरार पड़ गई है. उन्होंने इस प्रशासनिक गतिहीनता के लिए मुख्यमंत्री चांडी को ज़िम्मेदार ठहराया. दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से नौकरशाहों की यह तकरार ऐसे समय चांडी के सामने आई है, जब राज्य की कई लोक कल्याणकारी योजनाओं के आशा के अनुरूप न चलने की रिपोर्ट्स आ रही हैं.
राजनीतिक नियुक्ति
नितीश कुमार द्वारा नियुक्त बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी राज्य की नौकरशाही में ऊपरी स्तर पर फेरबदल करके अपनी अलग छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल में उन्होंने एक विवादित निर्णय लेते हुए राज्य के डीजीपी अभयानंद को सेवा कार्यकाल पूर्ण होने से पहले ही अपदस्थ करके उनके स्थान पर 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी पी के ठाकुर को नया डीजीपी नियुक्त कर दिया. उस समय उन पर आरोप लगा कि उन्होंने यह क़दम राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के कहने पर उठाया है, जो सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के क़रीब आते जा रहे हैं. लेकिन, मांझी ने नौकरशाही को इससे ज़्यादा अचंभित किया अंजनी कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाए जाने का आकस्मिक निर्णय लेकर. अंजनी 1976 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के रूप में पदस्थ थे. उन्हें प्रोन्नत करके मांझी ने मुख्य सचिव बना दिया. मांझी ने यह निर्णय आठ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नज़रअंदाज करते हुए लिया. इन अधिकारियों में आनंद वर्धन, अफजल अमानुल्लाह, आलोक कुमार सिन्हा, एम के श्रीवास्तव, एन के सिन्हा, ए के चौहान एवं श्रीमती अमिता पाल आदि शामिल हैं. अधिकांश लोगों को यकीन था कि अमानुल्लाह ही प्रदेश के मुख्य सचिव होंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव में जदयू की हार के बाद नीतीश कुमार के इस्ती़फे ने सारे समीकरण बदल दिए हैं.
नौकरशाही का शुद्धिकरण
मोदी सरकार यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नौकरशाहों की खोज में जुटी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) साथ मिलकर सफाई के काम में लगे हुए हैं. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारियों को चेतावनी दी गई है, जो आने वाली स्थितियों का संकेत है. उन स्थानों पर, जहां सीधे-सीधे इस्तीफ़ा नहीं मांगा गया है, वहां डीओपीटी ने 22 मिड रैैंक ऑफिसर्स, 14 आईएएस, 3 आईपीएस एवं अन्य केंद्रीय सेवाओं के 5 अधिकारियों की विजिलेंस रिपोर्ट मांगी है, ताकि उनकी अगली पोस्टिंग की जा सके. विनीता श्रीवास्तव, जो बेनी प्रसाद वर्मा की ओएसडी थीं, उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी अपनी निजी सचिव बनाना चाहती हैं. स्केनिंग की प्रक्रिया से गुजरने वाले प्रमुख अधिकारियों में विवेक देवांगन, गोपाल कृष्ण द्विवेदी, उदय सिंह कुमावत, हितेश सिंह मकवाना, अनिल कुमार सिंह एवं विक्रमादित्य सिंह आदि शामिल हैं. जाहिर है, इस सफाई अभियान और पुनर्निर्माण की प्रकिया में अभी महीनों लगेंगे.
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