कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। अब पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए सुबह 11 बजे बैठक होगी। इस बैठक में भी विधायकों के साथ हाईकमान द्वारा भेजे गए तीनों पर्यवेक्षक हरीश रावत, अजय माकन और हरीश चौधरी मौजूद रहेंगे।
इससे पहले शनिवार शाम चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता के चयन की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान को सौंप दी गई थी। कैप्टन के इस्तीफे के बाद, कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को नई दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर संपन्न हुई थी। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी ने बैठक में भाग लिया था। सूत्रों के अनुसार पंजाब के अगला मुख्यमंत्री की रेस में सुनील जाखड़ फ्रंट रनर हैं, अन्य में अंबिका सोनी, विजय इंदर सिंगला शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस नए सीएम के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी।
दो डिप्टी CM के फार्मूले पर भी कांग्रेस का मंथन
सिख व हिंदू चेहरे के चक्कर में फंसी कांग्रेस के भीतर अब एक CM और दो डिप्टी सीएम फार्मूले पर विचार हो रहा है। अगर किसी हिंदू चेहरे को CM बनाया जाता है तो फिर एक जट सिख और एक दलित डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। अगर सिख चेहरे को CM बनाया जाता है तो फिर एक हिंदू और एक दलित नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। इस फार्मूले के जरिए कांग्रेस विरोधियों व खासकर अकाली दल के एक हिंदू और एक दलित को डिप्टी सीएम बनाने के चुनावी वादे का भी तोड़ निकाल सकती है। हालांकि अंतिम मुहर विधायक दल की बैठक में ही लगेगी।
हाईकमान जाखड़ पर था राजी, विधायक सिद्धू पर सहमत हुए
कांग्रेस हाईकमान सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में है। इसका संदेश उन्हें भेज दिया गया है। जिसके बाद जाखड़ ने राहुल गांधी के गुण गाते हुए ट्वीट भी किया है। दिल्ली से आए ऑब्जर्वरों को भी यही बात कहकर भेजी गई। हालांकि CLP की बैठक के बाद सिख चेहरे के रूप में सुखजिंदर रंधावा व नवजोत सिद्धू का नाम भी सामने आया। सिद्धू के नाम पर ज्यादातर विधायक सहमत दिखे, जिसके बाद शनिवार देर रात नाम की घोषणा को टाल दिया गया।
हिंदू-सिख का सियासी गणित साधने में जुटी कांग्रेस
सिद्धू को प्रधान बनाने के बाद पंजाब में कांग्रेस का हिंदू-सिख गणित गड़बड़ा गया था। CM व पार्टी प्रधान की कुर्सी पर दोनों जट सिख चेहरे हो गए। जिसे देखते हुए अब मंथन चल रहा है कि वही संतुलन फिर कायम किया जाए। कांग्रेस हाईकमान इसीलिए पंजाब में हिंदू CM बनाना चाहता है, लेकिन विधायक इस पर राजी नहीं हैं।
विरोधियों के हिंदू डिप्टी सीएम दांव का तोड़
कांग्रेस की इस सियासी उठापटक के बीच बड़ा निशाना विपक्षी अकाली दल के हिंदू डिप्टी सीएम के दांव को भी फेल करना है। अगर कांग्रेस हिंदू मुख्यमंत्री बना देती है तो चुनाव में हिंदू वोट बैंक को बटोरने में उसे आसानी रहेगी। यही वोट बैंक चुनाव में कांग्रेस की बड़ी ताकत भी रहता है। खासकर ऐसे वक्त में जब अकाली दल ने BJP से गठजोड़ तोड़ लिया है।