गौतम अदानी को बचाने के लिए ही राहुल गांधी के उपर चल रहा विवाद ! जिसे मराठी भाषा की कहावत में कहा जाता है ! “कि याच साठी केला होताअट्टाहास !” ( मतलब सिर्फ इसलिए किया है ! यह सब ! ) राहुल गांधी के लंडन यात्रा के दौरान दिए गए वक्तव्य को लेकर ! बीजेपी और संघ के द्वारा चलाए जा रहे हंगामे का, एकमात्र उद्देश्य दिखाई दे रहा है ! गौतम अदानी के अमिर बनने के राज के उपर पडदा डालना !


जिस बात को लेकर बजट सत्र के पहले भाग में ! राहुल गांधी ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को लेकर, संसद में चर्चा करने की कोशिश का, संसद की कार्यवाही से ही उस मुद्दे को हटाने से लेकर ! नरेंद्र मोदीजी ने उसके जवाब में गांव के पंचायत के मुखिया से भी बदतर भाषा में “मै अकेला सब पर भारी और नेहरू नाम क्यो नही रखने?” जैसे बेसिरपैर की बातें एक घंटे से भी अधिक समय बोलना ! और सत्ताधारी दल के सदस्यों के लगातार बेंच थपथपाकर, पूरी संसद की कार्यवाही को बीजेपी की पार्टी बैठक में तब्दील करने की कृती को रेकॉर्ड में रखना ! क्या भारतीय संसद की गरिमा को खत्म करने की कृती नही है ?


दूसरे तरफ विरोधियों के छोटे – मोटे पूराने खत्म हुए ! तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर ईडी, सीबीआई जैसे एजेंसियों की मदद से तथाकथित छापेमारी कर के ! लोगों का ध्यान भटका कर, दुसरे तरफ राहुल गांधी के विदेश यात्रा में दिए गए वक्तव्य को लेकर हंगामा करना ! जहाँ तक राहुल गांधी के विदेश मे दिए गए वक्तव्य की बात है मुझे उसमे कुछ भी आपत्तिजनक टिप्पणी नजर नहीं आ रही है ! बनिस्बत नरेंद्र मोदी 2015 में सिओल में मेरा पूर्व जन्म में कोई पाप होगा इसलिए इस जन्म में मै भारत में पैदा होने जैसी बात क्या भारत की इज्जत बढ़ाने के लिए बोली थी ? डोनाल्ड ट्रंप जैसे नमूने के चुनाव प्रचार में अबकी बार ट्रंप सरकार जैसे नारों से क्या नरेंद्र मोदीजी ने भारत की छवि बढ़ाने का काम किया है ? मेरा बीजेपी और संघ के लोगों को कहना है कि शिशे के घरों में रहने वाले लोग दुसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते ! पिछले साल ही राजीव गांधी के एक रुपया दिल्ली से निकल कर निचे आम आदमी तक पंद्रह पैसे ही पहुंचता है !

इस बात को नरेंद्र मोदीजी ने जर्मनी में किस तरह से मस्खरे के अंदाज में कहीं क्या इससे उन्होंने भारत का मान बढ़ाने के लिए कहा ? खुद मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के दंगों में क्या भूमिका निभाई यह तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा कि आप ने राजधर्म का पालन नहीं किया और मै विदेशों में क्या मूहँ दिखाऊँ ? जैसे सवालों पर अगर कोई फिल्म बनती है तो आपको नागवार लगती है और उसे सिर्फ बैन लगाकर नहीं रुके उनके दफ्तरों पर छापे डालने की क्या जरूरत थी ? इसलिए आप लोगों का व्यवहार खिसियानी बिल्ली खंबा नोचने वाली कहावत जैसा जारी है ! राहुल गांधी को लोकसभा में नही बोलने देना यह आप लोगों की संसदीय प्रणाली के प्रति कितना आदर – सम्मान है इसका परिचायक है ! वैसे भी आप लोगों को संसद सत्ता के लिए चढने वाली सिढी के अलावा कोई अन्य महत्व नहीं है !


ताकि और वह भी सत्ताधारी दल के द्वारा संसद की कार्यवाही नही चलने देना ! और विरोधियों के ईडी के कार्यालय के तरफ जाने वाले सदस्यों को दिल्ली पुलिस के द्वारा रोकने की कृती ! और उसके मातृसंस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजस्थान के समलखा में हुई ! बैठक में एक तरफ भारत हिंदूराष्ट्र ही है ! और यह बात हम सौ साल से बोल रहे है ! के वक्तव्य के साथ दत्तात्रेय होसबळे (भावी संघ प्रमुख ! और वर्तमान में सहकार्यवाह ! ) और आगे जाकर उन्होंने ने भी राहुल गांधी ने विदेश में अपने देश के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए था ! जो कि संघ की विदेश विभाग की इकाई के कारनामों की जांच-पड़ताल करने से पता चला है ! कि इस इकाई ने भारत जैसे बहुआयामी संस्कृति के देश को हिंदूराष्ट्र के रूप में मुहिम चला रखीं है ! उससे भारत की बहुत इज्जत बढ रही है ? और उसी कडी में, उसी तथाकथित विदेश इकाई ने ही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद न्यूयार्क के मेडिसन स्केअर के कार्यक्रम से लेकर, हावडी मोदी के कार्यक्रम पैसे लगाकर आयोजित किए ! जिन्हें कवरेज करने के लिए, गए हुए भारतीय पत्रकार राजदीप सरदेसाई तथा प्रफुल्ल बिडवाई जैसे लोगों के साथ हाथापाई करने से लेकर उल्टा उन्ही के उपर विदेश में झुठ – मुठ के केसेस करने के रेकॉर्ड मौजूद है ! और भारत में संघ की गतिविधियों को चलाने के लिए विशेष रूप से धन इकठ्ठा करने का काम करते हैं ! और इस काम के उपर देखभाल करने वाले संघ के तरफसे अधिकृत किया गए राम माधव है !
वर्तमान में देश की संसद का सत्र चल रहा है ! लेकिन सत्ताधारी दल की पूरी कोशिश जारी है ! कि किसी भी तरह अदानी उद्योग समूह के आर्थिक घोटालों की चर्चा नहीं होनी चाहिए ! मुझे रह-रहकर आस्चर्य हो रहा है ! “कि कुछ लाख रुपये के घोटालों के पुराने – पुराने केसेस कुछ तो बंद भी हो चुके थे को पुनः खोलने का काम करने वाले सरकार को ! ताजा – ताजा हिंडेनबर्ग रिपोर्ट जो इसी साल के शुरू में निकला है ! और उसके आंकड़ों को देखते हुए लगता है कि ! शायद वर्तमान समय में भारत के विभिन्न विरोधी दलों के सभी नेताओं के भ्रष्टाचार के आंकड़ों की तुलना में कई गुना अधिक होने के बावजूद ! “प्रधानमंत्री न खाऊँगा और न ही किसी को खाने दूंगा जैसे!” घोषणा करने वाले व्यक्ति को ! भरी संसद में अदानी नाम लेने की हिम्मत नहीं होती है ! और “मै सब पर भारी पड़ सकता हूँ !” जैसे जुमले इस्तेमाल करते हुए देखकर लगता है ! कि दाल में कुछ तो काला है ! अपने आपको ‘पार्टी वुइथ डिफरंस’ कहने वाले और मातृसंस्था चाल चरित्रों की बात करने वाले लोगों को ! संसद में गौतम अदानी को लेकर संपूर्ण विश्व में भारत की छवि खराब करने के रिपोर्ट में अगर कोई गलत आरोप लगाया है ! तो मैं कहुंगा की हिंडेनबर्ग रिपोर्ट की जांच-पड़ताल करने से ही भारत की छवि दुरुस्त होगी न ही उसे टाल-मटोल करने से ! अगर सचमुच वर्तमान सत्ताधारी दल और उसके मातृसंस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को सचमुच ही इस देश के प्रति आदर सम्मान है तो हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में जो आरोप लगाए हैं उनकी अविलंब जांच कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी के द्वारा निस्पक्षता पूर्ण रूप से जांच करना चाहिए क्योंकि इससे देश को सही-सही जानकारी मिलेगी और इज्जत भी !
डॉ सुरेश खैरनार 17 मार्च 2023, नागपुर

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