जम्मू-कश्मीर में 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। इन लोगों को आतंकवादी संगठनों से ताल्लुक रखने और उनके लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स के दौर पर काम करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। सरकार की ओर जिन 6 कर्मचारियों के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है, उनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो सिपाही भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश की सरकार की ओर से एक कमिटी का गठन किया गया था, जिसकी सिफारिश पर यह ऐक्शन लिया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत ऐसे मामलों की स्क्रूटनी के लिए कमिटी का गठन किया था।
आदेश के अनुसार इस तरह के आरोप लगने पर कर्मचारी के प्रमोशन पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी। यदि आरोपों को केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी भी सही मानती है तो कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों के आचरण को लेकर पहले से स्पष्ट नियम हैं।
जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज (कैरेक्टर एंड एंटीसीडेंट्स) इंस्ट्रक्शंस 1997 और इसमें किए गए संशोधन को चरित्र प्रमाणीकरण के दौरान विशेष ध्यान में रखा जाए। कर्मचारी के चरित्र पर रिपोर्ट में यदि देश विरोधी गतिविधियाें में शामिल होने, समर्थन करने या फिर संलिप्त तत्व की जानकारी होने के बावजूद सूचना छिपाने की बात आती है तो उसका कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। इसके तहत प्रमोशन रोकने से लेकर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा सकेगी।