कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं. कैंसर शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है. सबसे पहले शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है. जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता .
जानिए कैंसर होने के कुछ प्रमुख कारण
तंबाकू
तंबाकू सेवन और धूम्रपान कैंसर की सबसे बड़ी वजहें हैं. कैंसर के मरीजों में 20 फीसदी तंबाकू की वजह से ट्यूमर का शिकार बनते हैं. सिगरेट से सिर्फ लंग कैंसर ही नहीं होता, बल्कि अन्य तरह का कैंसर भी होता है.
अत्यधिक वजन
कैंसर का दूसरा बड़ा कारण है मोटापा. शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ने से हर तरह के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. मोटापे की शिकार महिलाओं के सेक्स हार्मोन्स बढ़ जाते हैं और यूट्रेरिन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
आलसी जीवन शैली
आम जिंदगी में खूब आराम फरमाने वाले भी कैंसर के शिकार हो सकते हैं. लंबे शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एक्सरसाइज से ट्यूमर का खतरा घटता है. कसरत करने से शरीर में इंसुलिन का लेवल घटता है और वजन नहीं बढ़ता. कुछ किलोमीटर की सैर या साइकिल की सवारी भी काफी असरदार होती है.
ज्यादा शराब
अल्कोहॉल मसूडों, गले और आहार नली में कैंसर का जोखिम पैदा करता है. शराब के साथ सिगरेट पीने से कैंसर का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है.
लाल मीट
बीफ, मटन या अन्य तरह का लाल मीट बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. बहुत ज्यादा रेड मीट खाने से आंतों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि मछली खाना सेहत के लिए अच्छा है.
कबाब और टिक्का
मांस को ग्रिल करने पर पॉलिएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन रिलीज होते हैं. जानवरों पर किए गए शोध से पता चला है कि पॉलिएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन ट्यूमर को जन्म दे सकते हैं. जले हुए मांस में ऐसे तत्व सबसे ज्यादा होते हैं.
फास्ट फूड
सब्जियां, फल और रेशेदार वनपस्तियां कैंसर से बचाती हैं. लंबे समय तक किए गए शोधों से पता चला है कि अच्छा आहार कैंसर के खिलाफ काफी असरदार होता है. फास्ट फूड से परहेज करना अच्छा रास्ता है.
आधुनिक चिकित्सा उपकरण
एक्सरे जीनोम को नुकसान पहुंचाता है. सबसे ज्यादा नुकसानदेह कंप्यूटर टोमोग्राफी होती है, इसीलिए जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक कंप्यूटर टोमोग्राफी से बचना चाहिए.
दुर्भाग्य
अगर कोई इंसान सब कुछ ठीक भी करे, तब भी उसे कैंसर हो सकता है. कैंसर के 50 फीसदी मामलों के लिए जीन और उम्र जिम्मेदार होते हैं. ब्रेन कैंसर आनुवांशिक भी होता है. (रिपोर्ट: ब्रिगिटे ओस्टेराथ/ओएसजे)
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