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आज देश के तमाम शहरों में एटीएम मौजूद हैं लेकिन ज़्यादातर एटीएम में कैश की किल्लत रहती है और जब तक इसमें दोबारा पैसे भरे नहीं जाते हैं तब तक लोगों को कैश की समस्या से जूझना पड़ता है ऐसे में अब वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से स्थिति की समीक्षा करने और जल्द इसका समाधान निकालने को कहा है. लेकिन आरबीआई का कहना है कि एटीएम में कैश भरने के लिए बैंकों को पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध कराया जा रहा है.

वित्त मंत्रालय के एक उच्चाधिकारी के अनुसार जिन राज्यों में एटीएम में कैश की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं, उनमें छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में किल्लत ज्यादा है. आरबीआई के जरिए बैंकों से कहा गया है कि वह इन शहरों में एटीएम में तेजी से कैश डालने और जो एटीएम खराब है, उनको दुरुस्त करने की रफ्तार तेज करें.

आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जिन एटीएम में कैश की किल्लत रहती है उनमें से ज़्यादातर एटीएम ग्रामीण इलाकों में मौजूद हैं लेकिन सही मायनों में हकीकत इससे बिलकुल अलग है क्योंकि ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बल्कि दिल्ली एनसीआर जैसे इलाकों में भी आपको ऐसे कई एटीएम मिल जाएंगें जिनमें अक्सर कैश की किल्लत रहती है इसके बावजूद भी इन एटीएम में कैश नहीं आता है, और अगर आता है तो काफी समय बाद.

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सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को 2000 रुपये के नोट प्रिटिंग कम करने और छोटे नोटों की प्रिटिंग बढ़ाने को कह रखा है. इसके साथ एटीएम में भी 2000 रुपये के नोट की बजाय छोटे नोट ज्यादा डालने के लिए आरबीई को कहा गया है. ऐसे में एटीएम में डाले गये करंसी नोट की कुल वैल्यू कम हो रही है. इससे एटीएम जल्द खाली हो रहे हैं. इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने अपनी स्टडी में पाया है कि बैंकों के कुल एटीएम में 15 फीसदी एटीएम खराब हैं. बड़े शहरों में तो खराब एटीएम को जल्द ठीक कर दिया जाता है, मगर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में इसको ठीक करने में समय लगता है.

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