भोपाल। कोरोना काल ने त्यौहारों के मायने, रंग-ढंग और तौर-तरीके बदल दिए हैं। लेकिन दिलों के रिश्ते किसी मुश्किल, परेशानी या महामारी से खत्म नहीं होने वाले। भाई के दिल में बहन की फिक्र हमेशा से रही है और हमेशा रहने वाली है। बहनों का भाईयों के दिलों पर सदियों से राज रहा है और हर छोटी-बड़ी फिक्र के लिए भाई का दायित्व भी रहा है। वर्तमान हालात में हम भौतिक रूप से ज्यादा लोगों से नहीं मिल सकते, लेकिन सोशल मीडिया से लेकर अन्य कई ऐसे साधन हैं, जिनके जरिये हम अपनी बहनों के लिए फिक्र जाहिर भी कर सकते हैं और उनकी मुश्किलों को दूर करने के दूरगामी प्रयास भी कर सकते हैं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रक्षा बंधन के मौके पर प्रदेशभर की बहनों के नाम भेजे संदेश में यह बात कही है। उन्होंने बहनों को लिखी भावपूर्ण चिट्ठी में कहा है कि मेरी प्रदेशभर की बहनें स्वस्थ्य रहें, सेहतमंद रहें, सुरक्षित रहें और उनके सिरों पर सुहाग का ताज हमेशा बरकरार रहे, इस कामना के साथ मैं अपनी बहनों को याद कर रहा हूं। हालात हमेशा एक समान नहीं रहने वाले हैं, जैसे ही हालात दुरुस्त होंगे, सामान्य होंगे और सबके बीच जाने के रास्ते आसान होंगे, मैं अपनी बहनों के सिरों पर आशीर्वाद का हाथ रखने जरूर पहुंचुंगा और अपनी बहनों से आशीष के तौर पर रक्षा सूत्र भी बंधवाऊंगा।

रिश्ते दिल से होते हैं, जन्म से नहीं

डॉ. प्रभुराम चौधरी ने अपनी बहनों को प्रेषित चिट्ठी में लिखा है कि ईश्वर ने जब दुनिया की रचना की तो उसने रिश्तों का ताना बाना भी साथ ही बुनना शुरू कर दिया था। ममता के लिए मां, मार्गदर्शन के लिए पिता, हाथ मजबूत करने के लिए उसने भाई के रिश्ते बनाए। जब दुनिया में मुहब्बत, स्नेह, लाड़, दुलार और नोंक झोंक के लिए एक रिश्ते की जरूरत महसूस हुई तो बहन को आकार दिया गया…! माता – पिता से मिलने वाले पैतृक रिश्तों के अलावा कुछ संबंध सांसारिक भी होते हैं। निभाने वाले खुद से बनाए गए इन रिश्तों को निभाने में भी शिद्दत रखते हैं। मैंने रिश्तों की निभाई में इसी शिद्दत को हमेशा आगे रखा है। अपने क्षेत्र, अपने गांव, अपने प्रदेश की हर महिला को मैं अपनी बहन का दर्जा देता आया हूं, भविष्य में भी यही भावना निरंतर रहे, ईश्वर से यही कामना करता हूं।
दिया आशीष सदा स्वस्थ्य रहें

स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल के पहले दिन से प्रदेश की हर महिला को बहन और उनकी संतानों को भांजा और भांजी के रिश्ते के साथ निरूपित किया है। ये महज शाब्दिक और दिखावटी न होकर धरातल पर भी नजर आया है। इसी धारणा को आगे रखते हुए मैंने भी अपनी सभी बहनों के लिए बेहतर वातावरण, उत्तम स्वास्थ्य और चिर समय जीवित रहने वाले रिश्ते को आकार देने का ध्येय तय किया है। रक्षा बंधन के पवित्र पर्व पर मैं सभी बहनों को आशीष देता हूं कि वे हमेशा प्रसन्न रहें, स्वस्थ्य रहें, परिवार के साथ संपन्न और जीवन के हर मुकाम पर सफल रहें। आपका ये भाई आपके लिए हमेशा तत्पर भी है और सजग भी, आपके अधिकारों के लिए कुछ कर पाऊंगा तो मेरे लिए अपने इस संसार में आने का उद्देश्य पूर्ण होने का आभास होगा।

 

खान अशु

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