जाहिर करना जरूरी होता है , बदनाम होना पड़ता है,हमारी लाइन में यह काम अच्छा माना जाता है,तो हमने यह डिप्लोमा टाईम पर कर लिया था तो वखत में काम आया।जलने वालों का क्या है, कुछ प्रेम म्रेम करना नहीं, चौराहे पर पिटना नहीं और फिर चाहते हैं कि बड़े कवि बन जाएं,।जल रहे हैं तो जलते रहो।सच पूछो तो बड़े कवि बनने का सपना देखते समय एक सपना यह भी था कि लोगों को जलाएंगे। जलाने का भी एक सुख होता है जो बड़े कवि का खून बढ़ाने के लिए एक विटामिन होता है। भगवान की कृपा से हमारा खून अभी तो बढ़ रहा है,आगे की भगवान जाने।
बड़े कवि होने के अनेक लाभ हैं।यह यश तो देता ही है,धन भी देने वाली कैफियत बना देता है। जैसे हर एरिया में दो तीन धाराएं होतीं हैं, हमारे कबता के एरिया में भी कई धाराएं होतीं हैं। यह बात हमने टेंट और कैटरिंग का धंधा करने वालों से सीखी।कि भैया पांच लोग मिलकर एक पैनल बना लो और पार्टी को अपन पांच से बाहर मत जाने दो। तो ऐसई पाँच खुराफाती कवियों से अपन ने मेल मिलावट जमा ली। ईमानदारी से अगर बेईमानी भी करो ना तो खूब बरकत होती है।तब से हमारे पास कोई कमी नहीं है,आस पास के सभी शहरों में हमारा कविता पाठ हो गया। एक दो में तो किताब मोचायना भी हमसे ही कराया गया और बोलने को भी कहा गया। ऐसे कार्यक्रम में देखो साब पैसे नहीं मिलते,खाना मिल जाता है,७५ रुपए की थाली वाला।अब इस उम्र में वैसे भी अचार तक तो खा नहीं पाते।कभी कभी लगता है कि यह लोग ७५ रुपए नगद दे दिया करें तो ज्यादा अच्छा होगा।मगर ऐसा कहने से इज्जत का कवि सम्मेलन हो जाएगा तो चुप रहने से अच्छा कुछ नहीं है।
दूसरी धारा होती है कवि सम्मेलन के कवि बनने की। इसमें लक्ष्मी मैया की बहुत किरपा होती है। रुपए ५०० से लेकर ५००००/- तक मिलते हैं।सुना है कुछ कवि तो एक लाख भी ले लेते हैं। यकीन तो नहीं होता,मगर बड़े कवि की बातें मान लेना चाहिए। तो हम भी मान ही लेते हैं, दिमाग लगाने से क्या फायदा।हम दूसरी धारा के बड़े कवि बने हैं।आज हमारे पास इस कबता की वजह से ड्रांइंग रूम में दस पुरस्कारों और दर्जन भर सम्मानों की फ्रेम जड़े सर्टिफिकेट हैं। यह सब हमने बहुत मुश्किल से अर्जित किए हैं। संबंध बना बना कर, गिफ्ट दे देकर,फोन कर कर कर। बड़े कवि बनने की यात्रा में ये सभी काम लाज़िम हैं।