नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने ‘मुखबिर’ योजना लांच की है। इस योजना के तहत भ्रूण लिंग की पहचान बताने वाले नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके अलावा जो व्यक्ति ऐसे जांच केन्द्रों की जानकारी सरकार को देगा उसे 2 लाख रूपये से पुरस्कृत किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात 922 से घटकर अब 903 पर आ गया है। जानकारी के मुताबिक़ लड़के की चाह रखने वाले लोग पहले तो अवैध जांच केन्द्रों पर गर्भवती महिला के बच्चे का लिंग परीक्षण करवाते हैं और जब उन्हें ये पता चल जाता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा एक लड़की है तब वो भ्रूण हत्या का सहारा लेते हैं जिसकी वजह से प्रदेश में लिंगानुपात घटता जा रहा है.
यानी एक हजार लड़कों पर सिर्फ 903 लड़कियां ही हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार ‘मुखबिर’ योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत तकनीक का दुरुपयोग कर भ्रूण लिंग का परीक्षण कर बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह योजना पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत शुरू की जा रही है।
‘मुखबिर’ योजना के तहत प्रदेश के उन अल्ट्रासाउंड सेंटरों और नर्सिंगहोम को चिह्नित किया जाएगा जो गर्भवती महिलाओं में कन्या भ्रूण होने की जानकारी साझा करते हैं। इस योजना में ऐसे लोगों को पकड़वाने में एनजीओ की भी मदद ली जाएगी।