भोपाल। हनुमानगंज इलाके में करीब 6 साल से दुकान में काम कर रहे मैनेजर ने मालिक का भरोसा तोड़ते हुए दुकान का सामान चोरी-छिपे बेचना शुरू कर दिया। वह कई महीनों तक उसने सामान बेचा तथा 6 लाख 24 हजार रुपए अपने पास ही रख लिए। ऑडिट होने पर जब गड़बड़ी का खुलासा हुआ तो उसने नौकरी छोड़ दी। बार-बार वादा करने के बाद भी जब उसने पैसे वापस नहीं किए तो दुकान के संचालक ने मामले की शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस ने जांच के बाद गबन का मामला दर्ज कर लिया है।
हनुमानगंज पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर निवासी अंकेश जैन ऑटो पाट्र्स के कारोबारी है। पूर्व में वे भोपाल में ही रहते थे। शहर के न्यू कबाडख़ाने में उनकी एबीएस कारपोरेशन नाम से दुकान है। कारोबार को बढ़ाने के मकसद से उन्होंने इंदौर में भी इसी नाम से दुकान खोली तथा परिवार के साथ वहीं पर रहने लगे। भोपाल की दुकान उन्होंने करीब 6 सालों से काम कर रहे मैनेजर जीनेन्द्र जैन के भरोसे छोड़ दी थी। वह इंदौर में बैठकर ही निगरानी करते तथा महीने में एकाध बार आ जाते थे। दुकान के मालिक के इंदौर चले जाने के बाद मैनेजर की नीयत खराब होना शुरू हो गई। उसने चोरी-छिपे ऑटो पाट्र्स का सामान बेचना शुरू कर दिया। कभी एक हजार तो कभी दो हजार रुपए का सामान वह बेच देता था तथा इसका पैसा अपने पास ही रख लेता था।
कोरोना महामारी के कारण दुकान का ऑडिट नहीं पाया जिसके कारण दुकान मालिक को भी इस गड़बड़ी की भनक नहीं लगी। नवंबर 2020 में जब अंकेश जैन ने दुकान का ऑडिट कराया तो उसमें 6 लाख 24 हजार रुपए की गड़बड़ी सामने आ गई। इस कारनामे के खुलासे के बाद मैनेजर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली तथा पैसा जल्द ही वापस कर देने का भरोसा दिया। इसी दौरान उसने नौकरी भी छोड़ दी। कई दिनों तक जब वह टालमटोली करता रहा तो अंकेश जैन को समझ आ गया कि जीनेन्द्र पैसे वापस नहीं करेगा इसलिए उन्होंने मामले की शिकायत थाने में कर दी। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद जीनेन्द्र के खिलाफ अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज कर उसक तलाश शुरू कर दी। शुरूआती जांच में पता चला है कि पूर्व में जीनेन्द्र शाहपुरा इलाके में किराए के मकान में रहता था वर्तमान में उसके बारे में कोई सुराग नहीं है।
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