पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रियंका टिबरीवाल से है। 30 सितंबर को वोटिंग होनी है। उससे पहले बीजेपी ने ममता के नॉमिनेशन पर सवाल खड़ा कर दिया है। भगवा पार्टी का कहना है कि नामांकन पत्र दाखिल करते समय ममता ने अपने खिलाफ दर्ज पांच पुलिस मामलों का खुलासा नहीं किया। हालांकि त्रृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है।भवानीपुर उपचुनाव जीतना ममता बनर्जी के लिए आवश्यक है। अगर वह इसमें सफल नहीं होती हैं तो उनकी सीएम की कुर्सी चली जाएगी। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी के हाथों चुनाव हारने के बाद ममता के लिए ऐसी नौबत उत्पन्न हुई।

भवानीपुर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के चुनावी एजेंट ने यहां के रिटर्निंग अफसर को चिट्ठी लिख कर ममता बनर्जी के नामांकन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि ममता ने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उन्होंने अपने ऊपर चल रहे पांच आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया। भाजपा एजेंट सजल घोष ने अपनी चिट्ठी में उन मामलों का भी जिक्र किया और बताया कि उन पर कहां-कहां केस दर्ज हैं।

चिट्ठी में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक ममता पर असम के पांच अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए थे। इनमें कुछ केस अप्रैल-मई में चुनाव से पहले भी दर्ज कराए गए। आरोप है कि इन्हीं केसों का जिक्र अपने एफिडेविट में नहीं किया। हालांकि, इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि अगर ममता बनर्जी का वास्तव में इन आरोप पत्रों में नाम है तो उन्हें एफिडेविट में सिर्फ मामलों का खुलासा करने की आवश्यकता थी।

भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने एक दिन पहले ही भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था, जबकि ममता बनर्जी ने 10 सितंबर को नामांकन भरा था। भवानीपुर में 30 सितंबर को मतदान होगा और परिणाम तीन अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस सीट से वकील श्रीजीब विश्वास को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस उपचुनाव में हिस्सा नहीं ले रही है।

 

इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि ममता बनर्जी को केवल मामलों का खुलासा करने की आवश्यकता थी यदि उनका वास्तव में आरोप पत्र में नाम है।

 

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