चुनाव का मौसम है, ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप तो चलते ही रहते है. लेकिन, मध्य प्रदेश में ऐसा क्या हुआ कि एक सरकारी अभियान को चुनावी अभियान बनाने से कांग्रेस काफी गुस्से में आ गई है? दरअसल, कांग्रेस ने भाजपा के समृद्ध मध्य प्रदेश अभियान को आचार संहिता का उल्लंघन बताकर चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है तथा इसपर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए चेतावनी भी दी है कि अगर उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कि गई, तो वो इस मामले को लेकर कोर्ट भी जा सकती है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘इस अभियान को शुरू करके सरकार ने मान लिया है कि उसका 15 साल का कार्यकाल असफल रहा है. किसी भी राज्य सरकार को विकास के लिए पांच साल का समय काफी होता है. प्रदेश की जनता ने विकास के लिए भाजपा को 15 साल दिए, इन 15 सालों में प्रदेश विकास की दृष्टि में तो देश में अव्वल नहीं आया, परंतु किसानों की आत्महत्या, भ्रष्टाचार और कुपोषण में नंबर एक जरूर हो गया है. इसके लिए भाजपा को ‘माफी मांगो अभियान’ चलाना चाहिए.
40 दिन 40 सवाल
विपक्ष के नेता अजय सिंह ने भी इसे जनता को एक बार फिर ठगने का अभियान बताते हुए कहा है कि यह पराजय के डर से शुरू किया गया अभियान है, लेकिन जनता हकीकत जान चुकी है और अब वो और बहकावे में नहीं आएगी. भाजपा के समृद्ध मध्य प्रदेश अभियान के बरक्स कांग्रेस सोशल मीडिया पर 40 दिनों तक 40 सवाल के माध्यम से भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ऐलान किया है कि वे 20 अक्टूबर से 28 नवम्बर तक शिवराज सिंह चौहान से लगातर हर दिन एक सवाल करेंगें जिसमें शिवराजसिंह चौहान की नाकामी को जनता के सामने लाया जाएगा. कमलनाथ आंकड़ों के माध्यम से ट्वीटर पर 40 सवालों की श्रृंखला चला रहे हैं और प्रदेश की जमीनी स्थिति जनता के सामने रख रहे हैं.
पहले दिन कमलनाथ ने प्रदेश की चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाया था, दूसरे दिन शिवराज सिंह की घोषणाओं और उनकी जमीनी हकीकत को लेकर सवाल किए गए थे, वही तीसरे दिन का सवाल महिला सुरक्षा को लेकर था, जबकि चौथे दिन गरीबी का मुद्दा उठाया गया.