मेरे जीवन की कशमकश को,
आसान करती, तुम कौन हो?

बिना कहे सारी उलझन को ,
सुलझा लेती, तुम कौन हो?

मुझतक आती सभी बला को,
खुद पर लेती, तुम कौन हो?

अपने अंदर बीते कल को,
हंसकर पीती, तुम कौन हो?

एक वो है जो सब जानकर,
मुझसे कहती, तुम कौन हो?

एक तुम जो कुछ न जानकर,
परेशान होती, तुम कौन हो?

क्या तुम राधा हो कृष्णा की
मीरा जैसी, तुम कौन हो?

एक राधा और एक रुक्मिणी
संसार पूछता, तुम कौन हो?

जी वेंकटेश 
लेखक, 1973 में भोपाल में जन्मे, और 1997 से, भारत में, एक वास्तुविद एवं नगर निवेशक हैं। वह एक शिक्षाविद, समाज सेवी, कलाकार एवं दार्शनिक भी हैं।

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