भोपाल। रेत माफियाओं की अफसरों पर दबिश का यह आलम है कि सरेआम अवैध उत्खनन पकड़े जाने के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई की शुरूआत एक सप्ताह बाद भी नहीं हो पाई है। नदी की छाती चीरकर रेत निकालने वाली पोकलेन मशीन पिछले 6 दिनों से उसी जगह खड़ी किसी नए आदेश का इंतजार करती नजर आ रही है। इस बीच खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन ने न तो खनन में जुटे डम्पर, ट्राली या पोकलेन की जब्ती बनाई है और ही अब तक किसी व्यक्ति को इसका जिम्मेदार मानकर उसके खिलाफ कार्रवाई ही की है।
जानकारी के मुताबिक धार जिले में लगातार हो रहे अवैध खनन को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेघा पाटकर और विधायक हीरालाल अलावा ने 9 जून को मनावर तहसील के बड़दा और रतवा में हल्लाबोल कर दिया था। मामले को रफादफा करने खनिज विभाग ने दिखावे की कार्यवाही की और बाद में जब्त रेत माफिया शिवा कॉरपोरेशन के ऑफिस पर ही छोड़ आए। मेघा पाटकर और विधायक हीरालाल अलावा द्वारा पकड़े गए अवैध खनन के दौरान पकड़ी गई पोकलेन मशीन एक सप्ताह बाद भी मौके पर खड़ी हुई है। खनिज विभाग या पुलिस प्रशासन द्वारा न तो इसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और ना किसी व्यक्ति पर इस बारे में कोई मामला दर्ज किया गया है। इसके विपरीत जिला खनिज अधिकारी आला अधिकारियों को लगातार इस बात की झूठी रिपोर्ट पेश कर रहे हैं कि उन्होंने टीम के साथ मिलकर रेत माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर दी है।
माफिया की जुबान बोले अफसर
अफसरों और माफियाओं जुगलबंदी को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार समाचार प्रकाशित हो रहे हैं। जिसके बाद अब अधिकारियों ने पत्रकारों को धमकाना शुरू कर दिया है। माफियाओं की तरफदारी करते हुए खनिज अधिकारी ने भोपाल के एक पत्रकार को कॉल किया, धमकाया और कहा, रुक जाओ वरना अंजाम बुरा होगा। जिला खनिज अधिकारी ने पत्रकार को धमकाते हुए ये कहने से भी गुरेज नहीं किया, कि वह पत्रकार के खिलाफ कई झूठे प्रमाण जुटा सकते हैं और उन्होंने इसकी तैयारी भी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि इसकी जिम्मेदारी एक निरीक्षक को सौंपी गई है। ये निरीक्षक पूरे जिले की रिपोर्ट घर बैठकर तैयार करने का माहिर बताया जाता है। जिला मुख्यालय की बजाए दूर इंदौर के सांवेर रोड स्थित अपने घर पर रहता है।