पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में CBI ने 9 केस दर्ज किए हैं। साथ ही एजेंसी की चारों यूनिट्स की टीमों ने कोलकाता के पास घटनास्थलों पर दौरा किया और पीड़ितों से बातचीत भी की। 2 मई को राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले सामने आए थे।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को दी थी जांच की जिम्मेदारी
बता दें कि इससे पहले 19 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका देते हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई अदालत की निगरानी में ही जांच करेगी। हाईकोर्ट ने कहा था कि हत्या और दुष्कर्म के मामलों की जांच सीबीआई करेगी, वहीं अन्य मामलों की जांच एसआईटी करेगी।

मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट से की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
मानवाधिकार आयोग की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी माना था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दुष्कर्म व हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाए और इन मामलों की सुनवाई बंगाल के बाहर हो। वहीं अन्य मामलों की जांच विशेष जांच दल(एसआईटी) से कराई जानी चाहिए। संबंधितों पर मुकदमे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए, विशेष लोक अभियोजक तैनात किए जाएं और गवाहों को सुरक्षा मिले।

चुनाव परिणाम के बाद भड़की थी हिंसा
बता दें कि दो मई को विधानसभा परिणामों की घोषणा के बाद, पश्चिम बंगाल के कई शहरों में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं हुईं। इस घटना के बाद राज्यपाल धनखड़ ने हिंसा प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा किया था।

 

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