कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा है कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई। अब इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया है।
सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट देखा जा रहा है कि विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान मार्शल बड़ी संख्या में सांसदों को रोकने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान लगातार वीडियो में सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की हो रही है।
सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष को घेरा
दोपहर बाद सरकार के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विपक्ष के हर आरोप का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन यानी 8 मंत्रियों ने 48 मिनट तक जवाब दिया।
राहुल ने कहा कि हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं। इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोजगारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है।
वहीं, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था।
48 मिनट में सरकार के विपक्ष पर 8 बड़े हमले
1. संसद में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के अलोकतांत्रिक और हिंसक व्यवहार ने भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय की कहानी लिखी।
2. सरकार ने कई मौकों पर विपक्ष को चर्चा करने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन हर बार हमारी अपील को सुना नहीं गया।
3. विपक्ष का चर्चा में कोई इंट्रेस्ट नहीं था और उन्होंने पहले से ही तय कर रखा था कि संसद को बाधित करना है।
4. विपक्षी सदस्यों का दुर्व्यवहार भारत के संसदीय इतिहास के लिए शर्मनाक है और उन्हें देश से इसके लिए माफी जरूर मांगनी चाहिए।
5. शर्मनाक और रुकावट डालने वाले व्यवहार के लिए विपक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।
6. पूरे देश ने संसद में विपक्ष का ड्रामा देखा है। विपक्ष ये पचा नहीं पा रहा है कि देश उनसे हार मान चुका है। माई वे या हाईवे वाली सोच की निंदा करते हैं। देश भी इस तरह की सोच की निंदा करता है।
7. राहुल गांधी कहते हैं कि ये देश में लोकतंत्र की हत्या है। राष्ट्र देख रहा है कि उन्होंने संसद में क्या किया। अगर उन्हें अपनी जिम्मेदारी का जरा सा भी अहसास है तो उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। सभापति भी इस पर सख्त एक्शन लें ताकि इस तरह की हरकतें दोहराई न जाएं।
8. विपक्ष ने आम जनता और टैक्स देने वालों की फिक्र नहीं की। घड़ियाली आंसू बहाने की जगह विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए।