केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि वीपी सिंह नहीं चाहते थे कि लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बनें। मेरे मना करने पर वह चाहते थे कि रामसुन्दर दास बिहार के मुख्यमंत्री बनें। रामसुन्दर दास हमारे खिलाफ चुनाव लड़ते थे पर इसके बावजूद मैंने उनका समर्थन किया। पासवान ने कहा कि वीपी सिंह राजपरिवार में जन्म लेने के बावजूद हमेशा समाज के वंचित-शोषित तबके की चिंता करते थे।
उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के विरोधी थे। देश मे उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार आंदोलन किया और उनके आंदोलन से सरकार को भी बदलना पड़ा। वह चाहते तो दस वर्षों तक प्रधानमंत्री रह सकते थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एक विचार है, जिसमें समाज के हर समुदाय और जाति की सहभागिता है।
हम तो दलित समाज से आते हैं। इसलिए दलितों की बात करते हैं। महत्व तो उसका है जो धारा के विपरित तैरता है। पासवान ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार की सत्ता में आने के बाद उन्होंने समाज के निचले तबके की चिंता छोड़ दी। इसी वजह से निचले तबके के लोगों का विकास नहीं हो पाया। लेकिन अब केंद्र सरकार अतिपिछड़ा समुदाय के आरक्षण के लिए काम कर रही है।