लगभग सौ वर्ष से आर एस एस हिंदूओं का हिंदूस्थान का मंत्र गाहे-बगाहे बोल रहा है ! और उसकी ही बदौलत बैरिस्टर मोहम्मद अली जीना को हिंदू बहुल भारत में मुसलमानों को न्याय नहीं मिलेगा यह कहने का बहाना मिला ! आज 77 वर्ष हो गए भारत और पाकिस्तान बनकर, लेकिन पाकिस्तान बनने का सबसे अधिक राजनीतिक फायदा अगर किसी को हुआ है, तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी वर्तमान राजनीतिक ईकाई भाजपा को ! क्यों कि गत सौ वर्ष से आर एस एस और उसकी राजनीतिक ईकाई 1950 के बाद 1977 तक, (जनसंघ जनता पार्टी में 1977 में मर्ज हो गया था ! ) लेकिन जनसंघ के लोगों की पहली वफादारी आर एस एस होने के वजह से ! हिंदूओं का हिंदूस्थान की रट लगाते आ रहे हैं !
और गुरू गोलवलकर के अनुसार भारत में रह रहे सभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बहुसंख्यक समुदाय की सदाशयता के आधार पर ही रहना होगा ! इस तरह के फासिस्ट विचारधारा का प्रचार 1925 से ही आर एस एस लगातार कर रहा है ! और इसिलिये जनता पार्टी के अंदर जो सेक्युलर लोग थे, जिन्होंने दोहरी निष्ठा के मुद्दे पर, पुराने जनसंघीयो को आर एस एस से संबध तोडने की सलाह दी थी ! अन्यथा आर एस एस का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त करते हुए, उसे भी जनता पार्टी में विसर्जित करने के लिए कहा था! जो आर एस एस और पुराने जनसंघीयो को नागवार लगने की वजह से जनता पार्टी में टूट हो गई ! और पुराने जनसंघीयो ने भारतीय जनता पार्टी के नाम से 1980 के बाद अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की ! उस समय उसके लोकसभा में सिर्फ दो सांसद सदस्य थे !
तो उन्होंने उग्रवादी हिंदूत्व का सहारा लेकर राममंदिर तथा बाबरी मस्जिद का मुद्दा लेकर रथयात्राओ का दौर शुरू करते हुए ! 1985 में 80 संसद सदस्य और उत्तर भारत के कुछ राज्यों में अपनी सरकारे बनाने में कामयाबी हासिल की ! उसके बाद उन्होंने दो दर्जन से अधिक विभिन्न दलों के साथ मिलकर एनडीए के नाम से गठबंधन बनाने के बाद सौ से अधिक सांसद सदस्य लोकसभा में चुनकर आए ! और पहली बार पिछली शताब्दी के अंत में मिलिजुली सरकार केंद्र में बनाने में कामयाबी हासिल की ! लेकिन 13 दिनों में वह सरकार अल्पमत के वजह से गिर गई ! उसके बाद हुए चुनाव में भाजपाने अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर 1999 में केंद्र में अपनी सरकार बनाई जो 2004 तक चली ! उसके बाद 2014 तक दस साल कांग्रेस की सरकार रहते हुए तथाकथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर और अण्णा हजारे की आड मे जनलोकपाल आंदोलन चलाया ! और 2014 के बाद पुनः भाजपा केंद्र में सत्तारूढ़ बनने में कामयाब हुई ! और इस दौरान 2002 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए, भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य सरकार के सहयोग से दंगे होने की घटना हुई ! (उन दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी नरेंद्र मोदी को भरी सभा में कहा कि “आपने राजधर्म का पालन नहीं किया ! ” इस बात के ऑडियो- विडियो उपलब्ध है ! )
और उन दंगों के बाद नरेंद्र मोदी की 44 इंची छाती, 28 फरवरी 2002 के बाद 12 इंच बढकर 56 इंची होने की घोषणा खुद नरेंद्र मोदी ने ही की है ! और इस घोषणा के भी ऑडियो- विडियो उपलब्ध है ! स्वघोषित हिंदूहृदय सम्राट बनकर, उन्होंने मई 2014 के अंत में भारत के प्रधानमंत्री बनने में सफलता प्राप्त की ! और उसके बाद 2019 तथा 2024 के चुनावों में खुलकर हिंदूत्व का कार्ड खेलते हुए लव जेहाद तथा गोहत्या के नाम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को भरे बाजारों में तथा चलती हुई ट्रेनों में, उनके घरों में घुस कर, उनके फ्रिज तथा किचन के बर्तन को खोल कर, उनके उपर गोमांस खाने के झुठे आरोप मढकर, सौ से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों को मॉब लिंचिग करते हुए, मार डालने की घटनाओं को अंजाम दिया ! फासिस्ट जर्मनी का सौ वर्ष पहले के फार्मूले की नकल करते हुए, तथा बुलडोजर से चुन-चुनकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के मकानों को ध्वस्त करने की घटनाएं कौन से जेहाद का प्रमाण दे रहे हैं ? इस तरह की कार्रवाई सरकारों के तरफ से और अपने दल के गुर्गों के द्वारा करते हुए, और इस तरह से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करते हुए, तीनों बार चुनाव जितने में कामयाबी हासिल की ! इसके बावजूद वोट जेहाद के आरोप दुसरो के उपर कर रहे हैं !
क्योंकि 2024 के चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला ! और सहयोगी दलों की मदद से मजबूर होकर सरकार बनानी पडी ! तो वह मुसलमानों के खिलाफ पहले लव जेहाद और लॅण्ड जेहाद और अब वोट जेहाद के आरोप मढ रहे हैं ! “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे” जैसी कहावत के अनुसार जो दल अपने स्थापना के समय से ही हिंदूत्व के इर्द-गिर्द अपनी राजनीतिक यात्रा प्रारंभ करते आ रहा है ! और वह दल किसी अल्पसंख्यक समुदाय के उपर वोट जेहाद जैसा आरोप कर रहा है ! इससे बडा पाखंड और क्या हो सकता है ? भारत के संविधान की शपथ ग्रहण करते हुए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने के बावजूद सरकारों का कामकाज का तौर तरीका पूरी तरह से सांप्रदायिक आधार पर कर रहे हैं ! गुजरात, उत्तर प्रदेश, आसाम, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और अब मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा हरियाणा में की राज्यसरकारोने कही नागरिकता के नाम पर, तो कहीं मदरसा, तो कहीं समान नागरिकता तो कहीं वख्फ बोर्ड की आड़ में मुसलमानों को सताने के उदाहरण लगातार चल रहे हैं ! दंगों में मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार करने वाले लोगों को समान नागरिक संहिता की बात करते हुए देखकर किसी भी मुसलमान को यह कानून अपनी भलाई के लिए है ! ऐसा भरोसा कहाँ से होगा ? तथा मॉब लिंचग तथा अपराधियों के आडमे मुसलमानों को एंकाउटर करते हुए मारने वाले लोगों को कौन मुसलमान वोट देगा ?
अपने दल के द्वारा चुनाव में एक भी मुसलमान को टिकट नहीं देने वाले दल को कोई भी मुसलमान क्यो वोट देने जाएगा ? मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या पंद्रह प्रतिशत से भी कम होते हुए ! एक मिनट के लिए मान ले की 15% वोट बीजेपी को नही मिल रहे हैं ! तो बचे हुए 85% वोट गैर मुस्लिम समुदाय के वोट भी तो नहीं मिल रहे उसका क्या ? 2014 से 2024 तक के तीनों चुनाव में भाजपा को तीस प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिल रहे हैं ! 55% वोट नहीं मिल रहे ! और वह क्यों नहीं नही मिल रहे हैं ? इसपर इमानदारी से चिंतन-मनन करना छोड़कर कोरोना की बिमारी को फैलाने वाली , लव जेहाद, लॅण्ड जेहाद करने वाली जमात पर अब वोट जेहाद का आरोप करने वाले लोगों को शर्म आनी चाहिए कि जिस कौम को कदम – कदमपर अपमानित करने वाली भाजपा को बेरहम, बेशर्म और पाखंड से भरी हुई पार्टी छोड कर और क्या कहेंगे ?
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