भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को नवागत विधायकों को शपथ दिलाई गई। इसके बाद पिछले सत्र से अब तक अवधि में दिवंगत हुए नेताओं को श्रृद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच विधानसभा पहुंचे नेताओं की बयानबाजियों का दौर भी चलता रहा।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। इनमें रैगांव विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कल्पना वर्मा, आलीराजपुर से सुलोचना रावत और पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के शिशुपाल सिंह यादव को शपथ दिलाई गई।
सभा में व्यवस्था पर नाराजगी
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने विधानसभा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को लेकर नाराजगी जताई। पुलिसकर्मी एनपी प्रजापति सहित कई विधायकों को नहीं पहचान पाए थे और उन्हें
विधानसभा में जाने से रोक दिया गया था। प्रजापति ने सुरक्षा के नाम पर बदसलूकी के आरोप भी लगाए।
पहले दिन 145 प्रश्नों के जवाब पटल पर
पहले दिन विधानसभा पटल पर विभिन्न विधायकों द्वारा लगाए गए करीब 145 प्रश्नों के उत्तर पटल पर आए। इन प्रश्नों में कीटनाशक विक्रय, मनरेगा, शिक्षक, छात्रावास में रसोइए नियुक्त और निर्माण, पंचायतों को आवंटित राशि में भ्रष्टाचार सहित मामले उठाए गए हैं। इनमें विधायक सज्जन सिंह वर्मा, प्रताप ग्रेवाल, प्रदीप पटेल, यशपाल सिंह सिसौदिया, हीरा अलावा, उमंग सिंघार, डॉ. सीतासरन शर्मा, मुकेश रावत पटेल, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, श्रीमती कृष्णा गौर, रामपाल सिंह, आरिफ अकील, हर्ष विजय गेहलोद, सहित अन्य विधायकों के प्रश्नों के जवाब आए है, जो 187 पृष्ठों में है, जिनके दस्तावेज अलग से हैं। मंगलवार को GAD, वाणिज्यिक कर, वित्त, जनसंपर्क, महिला बाल विकास लोक स्वास्थ्य, विमानन सहित अन्य विभाग से संबंधित प्रश्नों के जवाब सामने आएंगे।
कांग्रेस कर रही नकारात्मक राजनीति : सारंग
कांग्रेस द्वारा विधानसभा में बीजेपी को घेरने पर मंत्री सारंग ने कहा कि विपक्ष जब घेरने जैसी शब्दावली का उपयोग करता है तो उनका मंतव्य समझ में आता है।
विधानसभा लोकतंत्र का सर्वोच्च स्थान है। यहां पक्ष और विपक्षी के विधायक बैठकर जनप्रतिनिधि होने का कर्तव्य निर्वहन करते हुए जनता की समस्या और विषय को उठाते हैं। सरकार की मंशा है कि हम सभी विषय पर सकारात्मक रूप से पहल करें। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर समय विधानसभा को जनता की समस्या और प्रदेश के विकास के लिए सदुपयोग करने के मंच के रूप में स्थापित की है। बीजेपी या कांग्रेस किसी भी पार्टी का विधायक यदि जनता की समस्या के लिए सकारात्मक बात करेगा तो सरकार उसके निदान के लिए तत्पर भी है और कमिटेड भी है।
और बाहर प्रदर्शन
आशा उषा कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर विधानसभा की ओर प्रस्थान करने से पूर्व ही राजधानी के अलग-अलग मार्गों पर गिरफ्तार कर आवाज को दबाने का
प्रयास किया गया।