राजधानी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस से महज एक किलोमीटर की दूरी पर 50 साल की डेनमार्क नागरिक के साथ हुए गैंग रेप और लूटपाट की घटना ने भारत में विदेशी सैलानियों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. विदेशी पर्यटकों ख़ासकर महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध में बढ़ोत्तरी की वजह से भारत आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में कमी आने की संभावना जताई जा रही है. साल 2013 में एसोसिएशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने एक सर्वे कराया था, जिसके अनुसार भारत में विदेशी महिला पर्यटकों के साथ छेड़छाड और रेप की घटनाओं की वजह जनवरी से मार्च के बीच विदेशी पर्यटकों की संख्या में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ की गई थी. इसकी मुख्य वजह 16 दिसंबर, 2012 को राजधानी दिल्ली में फिजियोथैरेपिस्ट छात्रा निर्भया से गैंग रेप की घटना थी. इस बर्बर घटना के बाद दुनिया भर में भारत की तीखी आलोचना भी हुई थी. लिहाज़ा पिछले साल एसोचैम ने देश भर के 1200 टूर ऑपरेटरों के बीच यह सर्वे कराया था. इस सर्वे नतीजों से यह बात निकलकर सामने आई थी कि भारत में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के कारण साल 2013 के जनवरी माह में 72 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों ने अपना दौरा रद्द कर दिया था. दौरा रद्द करने वालों में ज़्यादातर पर्यटक अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के थे.
2008 में मुंबई आतंकवादी हमले का असर भी पर्यटन उद्योग में देखा गया था. वर्ष 2009 में विदेशी सैलानियों की वार्षिक वृद्धि नकारात्मक(-2.2 प्रतिशत) थी . चूंकि 2008 की मंदी का असर भी पर्यटन उद्योग पर पड़ा था बावजूद इसके सुरक्षा विदेशी पर्यटकों के लिए मुख्य मुद्दा थी. वर्ष 2010 में विदेशी पर्यटकों की वजह से भारत को क़रीब 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आमदनी हुई थी. वहीं वर्ष 2011 में यह 16 बिलियन और 2012 में लगभग 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.
रेप की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र कई देश अपने नागरिकों को भारत ना जाने की एडवाइजरी भी जारी करते रहे हैं. जिसका सीधा असर भारतीय पर्यटन उद्योग पर पड़ता है. सर्वे के मुताबिक़, भारत में महिला संबंधी अपराध की वजह से विदेशी पर्यटकों ने भारत छोड़ दूसरे एशियाई देशों में जाना पसंद किया.
ग़ौरतलब है कि पिछले साल मध्यप्रदेश के दतिया में भी एक स्विस महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. इसके अलावा, आगरा में एक ब्रिटिश युवती ने भी छेड़खानी से बचने के लिए दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी. इस तरह की घटनाओं ने भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ा है. दिल्ली में निर्भया बलात्कार कांड की वजह से भारतीय पर्यटन उद्योग में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि डेनमार्क की महिला के साथ हुई रेप की घटना के बाद हालात और अधिक ख़राब होंगे. टूर ऑपरेटरों के अनुसार, निर्भया रेप मामले के बाद पर्यटन उद्योग को रिकवर होने में लगभग नौ महीने लग गए. समय रहते अगर ऐसी घटनाओं को रोका नहीं गया, तो भारतीय भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दुष्प्रभाव करेगा.
दुनिया भर में भारत की धूमिल होती छवि से चिंतित पर्यटन मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त महीने में राज्योंें के पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन योजित किया था. इस सम्मेलन में आई रिस्पेक्ट वीमेन नाम से एक कैंपेन भी लांच किया गया था. आई रिस्पेक्ट वीमेन कैंपेन के तहत भारत के टूर ऑपरेटर, टूर गाइड, टैक्सी, ऑटो ड्राइवर और होटल कारोबार से जुड़े लोग अंग्रेजी, कोरियन, जापानी, रूसी और चीनी भाषा में आई रिस्पेक्ट वीमेन का बैज लगाएंगे, और महिला पर्यटकों के साथ विनम्रता और शिष्टाचार से पेश आएंगे, ताकि विदेशी महिला पर्यटक बैख़ौफ़ भारत में भ्रमण कर सकें. हालांकि, यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैज लगाने से क्या लोगों की सोच और बदलाव में कोई बदलाव आएगा?
दुनिया भर में भारत की धूमिल होती छवि से चिंतित पर्यटन मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त महीने में राज्योंें के पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया था. इस सम्मेलन में आई रिस्पेक्ट वीमेन नाम से एक कैंपेन भी लांच किया गया था. आई रिस्पेक्ट वीमेन कैंपेन के तहत भारत के टूर ऑपरेटर, टूर गाइड, टैक्सी, ऑटो ड्राइवर और होटल कारोबार से जुड़े लोग अंग्रेजी, कोरियन, जापानी, रूसी और चीनी भाषा में आई रिस्पेक्ट वीमेन का बैज लगाएंगे, और महिला पर्यटकों के साथ विनम्रता और शिष्टाचार से पेश आएंगे.
उल्लेखनीय है वर्ष 2010 में विदेशी सैलानियों की संख्या में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई थी, लेकिन वर्ष 2012 में वर्ष 2011 की तुलना में केवल 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. वहीं वर्ष 2012 में विश्व पर्यटन में भारत की हिस्सेदारी 0.64 प्रतिशत थी. वैश्विक पर्यटन में भारत 2011 में 38वें स्थान में था, जबकि 2012 में यह 41वें स्थान पर पहुंच गया.
2008 में मुंबई आतंकवादी हमले का असर भी पर्यटन उद्योग में देखा गया था. वर्ष 2009 में विदेशी सैलानियों की वार्षिक वृद्धि नकारात्मक(-2.2 प्रतिशत) थी . चूंकि 2008 की मंदी का असर भी पर्यटन उद्योग पर पड़ा था बावजूद इसके सुरक्षा विदेशी पर्यटकों के लिए मुख्य मुद्दा थी. वर्ष 2010 में विदेशी पर्यटकों की वजह से भारत को क़रीब 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आमदनी हुई थी. वहीं वर्ष 2011 में यह 16 बिलियन और 2012 में लगभग 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी. हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में पर्यटन से होने वाली आय की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है. भारत की जीडीपी में 6.6 प्रतिशत भागीदारी पर्यटन उद्योग की है. पर्यटन उद्योग भारत में लगभग 4 करोड़ नौकरियों का सृजन करता है.
गौरतलब है कि भारत आने वाले विदेशी सैलानियों में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं हैं. यदि भारत सरकार विदेशी सैलानियों खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती है, तो इसका दूरगामी असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है.