नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से सुबह खबर आई थी कि कई इलाकों में फिर पत्थरबाजी की खबर है। बारामुला में उपद्रवियों ने सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों पर पत्थर से हमला कर दिया, जिसमें 47 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। घायलों में सहायक कमांडेंट भी शामिल है। उसी कश्मीर से एक और वीडियो भी सामने आया है। और ये वीडियो सोशल मीडिया खूब वायरल हो रहा है।
घाटी में पत्थरबाज़ी के बीच सीआरपीएफ ने इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है। वीडियो में एक जवान भूख से बिलख रहे दिव्यांग बच्चे को न सिर्फ अपने हिस्से का खाना खिलाता है और अपने खुद के बच्चे की तरफ उसकी देखभाल करता है।
वायरल हुआ ये वीडियो श्रीनगर के नवा कदल इलाके का है। बताया जा रहा है की इस इलाके में कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है। इन्हीं जवानों में एक जवान 49वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह भी है। ड्यूटी के बीच दोपहर के समय हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने खाना खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था, तभी उनकी निगाह एक मासूब बच्चे पर पड़ी। यह बच्चा बड़ी आस से हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह की तरफ देख रहा था। हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने इशारों में बच्चे से पूछा, खाना खाओगे। दूसरी तरफ से बच्चे ने सिर हिलाकर ‘हां’ में अपनी सहमति दी।
“Humanity is the mother of all religions”
HC Driver Iqbal Singh of 49 Bn Srinagar Sector CRPF deployed on LO duty feeds a paralysed Kashmiri kid in Nawakadal area of Srinagar. In the end, asks him “Do you need water?”
“Valour and compassion are two sides of the same coin” pic.twitter.com/zYQ60ZPYjJ
— Srinagar Sector CRPF 🇮🇳 (@crpf_srinagar) May 14, 2019
फ़ौरन कांस्टेबल इकबाल सिंह ने बच्चे को अपनी तरफ बुलाया। लेकिन बच्चा चाहकर भी उनकी तरफ नहीं बढ़ पा रहा है। बच्चे की हालात देखकर हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह को अंदाजा हुआ कि बच्चा दिव्यांग है। हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह खुद अपना टिकट लेकर बच्चे के पास पहुंचे और उसे अपने हाथों से टिफिन में मौजूद खाना खिलाना शुरू कर दिया। बच्चा बड़े चाव और अपनेपन से खाना खाता रहा। खाना खत्म होने के बाद हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने बच्चे से पूछा, ‘पानी पियोगे’। बच्चे ने फिर सिर हिलाकर हां में जवाब दिया। इकबाल सिंह तत्काल अपने मोर्चे की तरफ दौड़े और वहां से पानी लाकर बच्चे को पिलाया। श्रीनगर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि “वीरता और करुणा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं”
इकबाल भी उस काफिले का हिस्सा थे जो पुलवामा में आत्मघाती हमले का शिकार हुआ था। उस दौरान वह एक वाहन चला रहे थे और उन्होंने सीआरपीएफ के कई घायल साथियों को निकालने में मदद की थी।