नई दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। विपक्षी दलों की बैठक में कई नामों पर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया। उपराष्ट्रपति पद का चुनाव पांच अगस्त को होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में संसद भवन लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक के बाद गोपालकृष्ण गांधी के नाम का ऐलान किया गया। इस बैठक में जद(यू) की तरफ से वरिष्ठ नेता शरद यादव शामिल हुए। राष्ट्रपति पद के चुनाव में जद(यू) ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोंविद का समर्थन किया है।
सरकार का इंतजार नहीं
विपक्षी दलों ने इस बार सरकार की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने और सहमति बनाने के प्रयास का इंतजार नहीं किया। राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष ने अपना उम्मीदवार घोषित करने से पहले सरकार की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार किया था।
एनडीए की तरफ से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद जद(यू) ने विपक्षी उम्मीदवार का इंतजार किए बगैर समर्थन दे दिया था। कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस की आलोचना भी की थी कि उसने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार घोषित करने में देरी की।
उपराष्ट्रपति चुनावः विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी के बारे में जानें 10 खास बातें
गोपालकृष्ण गांधी को सीपीएम सहित कई विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनाने की वकालत कर रहे थे। लेफ्ट ने विपक्षी दलों की बैठक में गोपालकृष्ण गांधी के नाम का सुझाव रखा था। पर एनडीए की तरफ से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाने के बाद विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाने का फैसला किया। विपक्ष को उम्मीद है कि बीजेडी व आप सहित दूसरे विपक्षी दल भी गोपालकृष्ण गांधी का समर्थन करेंगे।