राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे एनसीआर में प्रदूषण बेलगाम हो चुका है। दिवाली के बाद से दिल्ली की आबोहवा लगातार बिगड़ती जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में आज भी धुंध की मोटी चादर देखी गई और प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर हो गया। वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली में अब इमरजेंसी जैसे हालात होने वाले हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।
दिल्ली में लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर रहने के बाद सीपीसीबी ने सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। आज राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 499 गंभीर श्रेणी में हैं।
सीपीसीबी ने सलाह दी है कि जिन लोगों को आवश्यक कार्य से बाहर जाना पड़ रहा है, वापस घर पहुंचने के बाद तत्काल चेहरे को दो बार साफ पानी और साबुन से साफ करें। इसके बाद गुनगुने पानी का ही सेवन करें। साथ ही दिनचर्या पर भी नजर रखें। सांस लेने में कठिनाई होने पर बगैर किसी देर किए डॉक्टर से परामर्श करें।
वर्क फ्रॉम होम को दें बढ़ावा, 18 तक नहीं मिलेगी राहत
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आकलन है कि 18 नवंबर तक हालात सुधरने के आसार नहीं है। मौसमी दशाएं इसी तरह बनी रहेंगी। रात में हवाएं पूरी शांत रहेंगी। सरकारी और निजी दफ्तरों को सीपीसीबी की सलाह है कि 30 फीसदी तक वाहनों की इस्तेमाल कम करें। वर्क फ्रॉम होम के साथ कार पूलिंग को भी बढ़ावा दें।
वही, दिल्ली की शान चांदनी चौक शुक्रवार को प्रदूषित इलाकों की लिस्ट में शीर्ष पर रहा। इस इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांक 491 रिकार्ड किया गया, जबकि 490 अंकों के साथ मंदिर मार्ग दूसरा नंबर प्रदूषित इलाका बना। प्रदूषण की चादर दिल्ली में इस कदर भारी पड़ी कि हवा की गुणवत्ता मापने वाले सभी 36 मॉनीटरिंग स्टेशन का सूचकांक 450 से ऊपर पहुंच गया। हैरानी की बात यह कि दिन भर में कई बार इन स्टेशनों पर पीएम10 व पीएम2.5 का स्तर 500 से ऊपर भी पहुंच गया था।
टॉप पांच प्रदूषित इलाके
चांदनी चौक: 491
मंदिर मार्ग: 490
जनकुपरी: 489
आईटीओ: 488
पटपड़गंज: 485