अमेरिका शनिवार और रविवार को तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ आमने-समाने बात करने जा रहा है। यह बैठक कतर के दोहा में होगी। 30 अगस्त को अफगानिस्तान से अमेरिका के सेना वापस बुलाने के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच यह पहली फेस-टु-फेस मीटिंग होगी। हालांकि अमेरिका ने यह भी साफ किया है कि इस बैठक का मतलब यह नहीं है कि उसने तालिबान की सरकार को मान्यता दे दी है।
विदेशी नागरिकों की निकासी की बनेगी योजना
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि इस मुलाकात का अहम उद्देश्य अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी व अन्य विदेशी नागरिकों की सुरक्षित निकासी की योजना तैयार करना है। बताया कि, डेलीगेशन इसी मुद्दे को तालिबानी नेताओं के सामने जोर-शोर से रखेगा।
मानवीय संकट पर भी होगी बातचीत
इन दिनों अफगानिस्तान एक बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहा है। बैंकों में फंड खत्म हो चुके हैं। तेजी से भुखमरी और बीमारियां फैल रही हैं। ऐसे में कई एजेंसियां अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाना चाह रही हैं, लेकिन तालिबान हुकूमत के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। अमेरिकी डेलीगेशन की ओर से तालिबान पर इस चीज का भी दबाव बनाया जाएगा, कि विभिन्न एजेंसियां अफगानिस्तान में मानवीय सहायता पहुंचा सकें।