युवाओं ने शहर के बीच शुरू किया 6 बेड का ऑक्सीजन सेंटर
भोपाल। अस्पतालों में बेड के लिए मची भागदौड़, हर तरफ से मिलते निराशाजनक जवाब और ऐसे में बनते अनहोनी के हालात…। कुछ युवाओं को यह बात दिल की गहराई तक खटक गई और तय किया गया कि इलाज नहीं कर सकते, लेकिन इलाज मिलने तक केयर तो की जा सकती है। शहर के बीच और अस्पताल के नजदीक 6 बेड का एक ऑक्सीजन केयर सेंटर शुरू कर दिया गया। अब अस्पताल की तलाश में भटकने वालों को इस बात की तसल्ली हो गई है कि उनके मरीज को इलाज मिलने में भले देर होगी, लेकिन इतने समय के लिए उसकी सांसों को सुकून मिलता रह पाएगा।
शहर के बीच स्थित है नवाबकालीन इमारत हमीद मंजिल। अस्पतालों के करीब और नए-पुराने शहर को जोडऩे वाले रास्ते का एक महत्वपूर्ण बिंदु। आमतौर पर यहां शादी-ब्याह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए लोगों की आवाजाही होती है। लेकिन कोरोना के महामारी काल में यहां 6 बेड के एक ऑक्सीजन केयर सेंटर ने आकार ले लिया है। सामाजिक कार्यों से जुड़े शाहवेज सिकंदर ने बताया कि हर तरफ पसरी पड़ी खबरों में इस बात का उल्लेख हो रहा है कि ऑक्सीजन की कमी है, अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे, इंजेक्शन और दवाओं के लिए भी लोग परेशान हो रहे हैं। वे कहते हैं कि छोटी व्यवस्थाओं और दायरे के बीच हम बड़े इंतजाम नहीं कर सकते, लेकिन इतना किया जा सकता है कि किसी मरीज को अस्पताल में बेड मिलने और उसका इलाज शुरू होने तक उसकी सांसों को थामकर रखा जा सके।
शाहवेज बताते हैं कि इसी धारणा के साथ हमीद मंजिल में यह ऑक्सीजन डे केयर सेंटर शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि फारुख अहमद, जुनैद खान, नमन राय, प्रकाश पाटिल ,मुदस्सिर खान आदि की टीम में कुछ फार्मा से जुड़े लोग हैं तो कुछ चिकित्सा क्षेत्र की जानकारी रखने वाले भी शामिल हैं। जरूरत के मुताबिक कुछ डॉक्टरों को यहां बुलाने के इंतजाम भी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह केयर सेंटर महज दिन में सेवाएं दे रहा है, जिसमें सुबह 9 से शाम 6 बजे की बीच जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन बेड मुहैया कराए जा रहे हैं। शाहवेज बताते हैं कि पिछले दो दिनों में दो दर्जन से ज्यादा मरीज यहां अपनी जरूरत का समय गुजार सके हैं। लोगों को मिल रही इस सुविधा को देखते हुए कई सामाजिक संगठनों और व्यक्तिगत तौर पर लोगों ने यहां सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भी उनके पास भेजना शुरू कर दिए हैं।