भोपाल। महामारी के दंश से टूट चुके समाज के सामने लाचारी, बेज़ारी, मजबूरी, बेरोजगारी, परेशानी के हालात बने हुए हैं। घर से लेकर बाजार तक में उसके लिए सुकून के दो पल जुटा पाना नामुमकिन जैसा हो गया है। धार्मिक और सामाजिक आयोजनों की तालाबंदी भी उसको बेचैनी की गर्त में धकेल रहे हैं। ऐसे में एक संस्था ने आगे आकर लोगों को इस मनोस्थिति से बाहर निकालने की पहल की है। दुनिया और खासकर भारत में खास मुकाम रखने वाले सूफिज्म के सहारे लोगों को इस बेचैनी से बाहर निकालने की योजना बनाई गई है, जिसपर जल्दी ही काम शुरू किया जाएगा।
सूफी इस्लामिक बोर्ड के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष एहतेशाम सिद्दीकी ने बताया कि मुश्किल हालात में लोगों को एक तसल्ली और सांत्वना भरे माहौल की जरूरत है। मन्दिर और मस्जिदों समेत सारे धार्मिक स्थलों के द्वार बंद होने से लोगों की आस्थाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। इन स्थानों के दर्शन और जियारत से मिलने वाले सुकून और परम आनंद से भी से वंचित हैं। ऐसे में उनकी मानसिक शांति के लिए सूफी इस्लामिक बोर्ड एक वेबिनार करने वाला है। समय और हालात के तकाजों को देखते हुए फ़िलहाल ऑनलाइन किए जाने वाले इस आयोजन में विभिन्न धर्मों के विद्वानों को शामिल किया जाएगा। निराशा और हताशा से भरे लोगों को विद्वानों की सुकूनभरी बातें इस दौरान सुनने और समझने को मिलेंगी। साथ ही वे अपने मन की कुंठा और छिपी हुई बातों पर धार्मिक मान्यताओं के आधार पर समाधान भी हासिल कर सकेंगे।

सब ठीक हो तो होंगे भौतिक आयोजन
सूफियाना बातें, गजलें, कव्वाली और नात नज़्में हमेशा से लोगों को सुकून देती अाई हैं। सूफी एहतेशाम सिद्दीकी कहते हैं कि मुश्किलों का ये दौर ख़तम हो जाए, सब कुछ सामान्य होकर लोग समूह में बैठने और मिलने लायक हो जाएं, तब सूफी इस्लामिक बोर्ड प्रदेश भर में सूफियाना कार्यक्रमों की शृंखला शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत राजधानी भोपाल से होकर प्रदेश के हर बड़े और छोटे शहर तक लोगों को सुकून पहुंचाएगी।

बनेगी प्रदेश की कार्यकारिणी
सूफियाना कार्यक्रमों को आकार देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष एहतेशाम सिद्दीकी जल्दी ही सूफी इस्लामिक बोर्ड की प्रदेश कार्यकरिणी को आकार देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले और तहसील तक इस बोर्ड का विस्तार करने की योजना है।

अहतेशाम रच चुके इतिहास
राजगढ़ स्थित बाबा बतख्शानी वक्फ के सदर की हैसियत से एहतेशाम सिद्दीकी एक इतिहास और नई परंपरा रच चुके हैं। जिस
वक्फ से बोर्ड को बरसों से नाम मात्र की चंदा निगरानी हासिल हुआ करती थी, उसकी जिम्मेदारी सम्हालने के बाद एहतेशाम सिद्दीकी ने इस वक्फ को प्रदेश की सबसे ज्यादा आमदनी वाली कमेटी बना दिया है। एहतेशाम बताते हैं कि वक्फ से होने वाली इस आमदनी से क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों के रोजगार और पारिवारिक ज़रूरतों के इंतजाम भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुदा और उसके बन्दों की रज़ा की नीयत से किए जाने वाले कामों में कामयाबी के लिए हर वह शख्स धन्यवाद और शुक्रिया का पात्र है, जो इस काम में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर रहा है।

 

खान आशु,भोपाल ब्युरो

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