पटना: उपेंद्र कुशवाहा बार बार यह कह तो रहे हैं कि सीटों के बंटवारे में कोई दिक्कत नहीं है और समय पर सब लोगों को इस बारे में पता चल जाऐगा। लेकिन जब दूसरी बार लालू प्रसाद से मिलने रांची गए तो लगने लगा कि पेंच जरूर कुछ फंसा हुआ है। हालांकि इस बार भी उन्होंने यही कहा कि वह हाल चाल लेने आए थे पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बात इतनी आसान भी नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के लिए झारखंड में भी एक सीट चाहते हैं पर बात नहीं बन पा रही है।
जानकार बताते हैं कि लालू प्रसाद ने अपने सभी सहयोगियों से कह दिया है कि वह अपनी लड़ने वाली सीट और उम्मीदवारों के नाम के साथ आएं। लालू प्रसाद के इस तेवर के बाद सहयोगी दलों के नेता धर्मसंकट में फंसे दिख रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की लालू प्रसाद से मुलकात इसी संदर्भ में बताई जा रही है। इधर पार्टी के अंदर रालोसपा नेताओं का भारी दबाव उपेंद्र कुशवाहा पर बढ़ रहा है कि वह जल्द से जल्द सीटों का मामला निपटाएं ताकि उन्हें तैयारियों का पूरा मौका मिल सके। लेकिन लगता नहीं कि यह मसला इतनी आसानी से निपट जाऐगा। अभी सारा ध्यान कांग्रेस की रैली पर है और इसके बाद ही कांग्रेस अपने पत्ते खोलेगी। इसके बाद ही पता चल पाऐगा कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने के आसार हैं।