नई दिल्ली: मोदी जी नए भारत का सपना और वादा लेकर 2019 के चुनाव में उतर गए हैं. देश की समझदार जनता भाजपा के पिछले चुनाव में किए गए वादों का हिसाब-किताब मांग रही है. रोजगार, अच्छेे दिन, 15 लाख तथा किसानों की खुशहाली के वादे कहींं भी पूरे नहीं हुए हैं. असंतुष्ट जनता नए वादों और सपनों के भ्रमजाल में नहीं फंसने वाली है इस बार. इस चुनाव में भाजपा को हिसाब तो देना पड़ेगा. पिछले वादे पूरे न करने का खामियाजा भाजपा को चुकाना पड़ेगा. शायद 2019 का चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होगा.
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